कोई भी व्यक्ति ऐसे ही महान नहीं बन जाता. कोई न कोई ऐसी बाते होती ही हैं जो व्यक्ति को महान बनने के लिए प्रेरित करती हैं. माइक्रोसॉफ्ट के को-फाउंडर बिल गेट्स ने दुनियाभर में अपनी धाक जमाई. माइक्रोसॉफ्ट के को-फाउंडर बिल गेट्स दिन में 100 ईमेल खुद चैक करते हैं. इससे उन्हें पता चलता है कि किस बात के लिए लोग उनकी प्रशंसा कर रहे हैं और किस बात के लिए शिकायत कर रहे हैं. इस तकनीक से आप भी ग्राहकों के फीडबैक को जान सकते हैं. बिल गेट्स ने अपने जीवन के 10 नियम को एक प्रोग्राम में शेयर किया.

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आइये जानते हैं क्या हैं उनके जीवन के 10 अहम नियम...

1: एम्प्लॉइज की कद्र करें

बड़े संगठनों में लोगों के लिए प्रतिबद्धता होनी चाहिए. बिल ने अपने लोगों का ख्याल रखने के लिए कई ऐसी मिसालें कायम की हैं, भले ही डेवलपर्स के लिए प्राइवेट ऑफिस हो या फिर भारी व्यस्तता वाले स्थान.

2: डिवाइड एंड रूल पॉलिसी के विरोधी

बिल गेट्स ‘फूट डालो और राज करो’ के सख्त खिलाफ थे. वे इसे समस्या कहते हैं. वे इसे समस्या को खत्म करने का गलत तरीका कहते हैं. जैसे ही कोई समस्या दिखती है, तत्काल उसका हल करें.

3: समस्याओं में रहने से सफलता कठिन

कठिनाइयों में रहने से सफलता की गारंटी नहीं मिल पाती है. इस तरह की एक कहानी बिल ने हार्वर्ड में दिए अपने एक स्पीच में सुनाई थी. इसमें कहा था कि रेडक्लिफ रहने के लिए बेहद अच्छी जगह मानी जाती है. वहां महिलाएं काफी है और अधिकांश लड़के साइंस के दीवाने माने जाते हैं. यह संयोग जरा अजीब था. बिल कहते हैं कि आप समझ सकते हैं, कैसी स्थिति रही होगी.

4: सबसे पहले जीतने वाले बनने की कोशिश कभी न करें

माइक्रोसॉफ्ट की सफलता कम दाम के प्रोडक्ट्स से शुरू हुई थी. लगातार इन प्रोडक्ट्स में सुधार किया गया. इसके बाद ही वे आईटी इंडस्ट्री को फिर से नई परिभाषा दे सके.

5: सबसे अहम फीडबैक ही सबसे मुश्किल

गेट्स का मानना है कि आपका सबसे नाखुश कस्टमर ही आपके सीखने का सबसे अहम जरिया है. उनका यह भी कहना है कि आपको यदि विश्वस्तरीय लोग फीडबैक में यह कहें कि आप जो कर रहे हैं वह गलत है तो और भी अमूल्य है.

6: टेक्नोलॉजी और बिजनेस साथ-साथ

हम एक तरह से दुनिया में नॉलेज वर्कर हैं. इसमें इन्फॉर्मेशन टेक्नोलॉजी सबसे पहले और फोकस में है. मुड़कर तीन दशक पहले के माइक्रोसॉफ्ट को देखने में अच्छा लगता है. तब काम शुरू हुआ था और हम समझ रहे थे कि कैसे काम आगे की चीजें बदलता है. अब हम डिजिटल वर्क कल्चर में आ चुके हैं.

7: समस्या की पहचान करना सीखें

यह चुनने का विषय है कि आप किस पर फोकस करेंगे. अगर आप समस्या को समझ लेते हैं तो उसका हल निकालेंगे. समस्या को पहचान लेने से उसका हल निकालने में आसानी होती है.

8: सफलता को सेलिब्रेट करें, असफलता से सीखना भी है जरूरी

सफलता का जश्न होना चाहिए, लेकिन असफलता से सीख भी लेनी चाहिए. एक ही गलती को हर बार न दोहराएं.

9: टेक्नोलॉजी सिर्फ एक टूल

दिमाग को संतुलित बनाए रखें, कहीं कुछ ढील न छोड़ें. बच्चे काम करें और आप उनको प्रेरित कर सकें, इसके लिए जरूरी है कि टीचर सही हो, क्योंकि, टेक्नोलॉजी सिर्फ एक टूल है.

10: अक्षमता को दोहराएं नहीं

कुछ चीजें, वास्तव में खुद होती है, नहीं तो इससे समस्याएं बढ़ने लगेंगी. किसी भी बिजनेस में इस्तेमाल में लाई जा रही टेक्नोलॉजी का पहला नियम है कि जहां ऑटोमेशन लागू किया है, इससे कामकाजी क्षमता बढ़ना चाहिए.