विश्व बैंक (World Bank) ने भारत को 255.5 मिलियन डॉलर यानी 2000 करोड़ रुपये से भी ज्यादा का लोन (Loan) देने को मंजूरी दे दी है. यह लोन भारत में सरकार की तरफ से चलाए जाने वाले इंस्टीट्यूशन्स में टेक्निकल एजुकेशन को बेहतर बनाने के लिए दिया जा रहा है. अगले 5 सालों में इस प्रोजेक्ट की वजह से भारत के कुछ चुनिंदा राज्यों में लगभग 275 सरकारी शिक्षण संस्थानों को सपोर्ट करेगा, जिससे लगभग 3.5 लाख छात्रों को हर साल फायदा मिलेगा.

स्टार्टअप्स कल्चर को मिले बढ़ावा

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विश्व बैंक के अनुसार, इस प्रोजेक्ट के जरिए इन संस्थानों में रिसर्च यानी शोध को बढ़ावा दिया जाएगा. इसके साथ-साथ छात्रों के कौशल विकास (Skill Development) और उन्हें रोजगार के योग्य बनाने में मदद मिलेगी. इसके अलावा आंत्रप्रेन्योरशिप और इनोवेशन को भी इस कदम से बढ़ावा मिलेगा. देखा जाए तो इससे आने वाले दिनों में और नए-नए स्टार्टअप पैदा होंगे.

नई-नई तकनीक के बारे में जानेंगे छात्र

इसके तहत छात्रों को कम्युनिकेशन में आ रहीं नई-नई तकनीक के बारे में भी बताया जाएगा. स्टूडेंट्स को बेहतर इंटर्नशिप और प्लेसमेंट सर्विस से फायदा मिलेगा. इसके तहत छात्रों को प्रोफेशनल एसोसिएशन्स के साथ नेटवर्क बनाने का मौका भी मिलेगा. 2011-12 में भारत के 40,000 कॉलेजों में 29 मिलियन स्टूडेंट थे. वहीं 2019-20 में 40,000 विश्वविद्यालयों में 39 मिलियन स्टूडेंट हैं. 

नौकरियों और रोजगार के लिए तैयार होंगे स्टूडेंट

जहां एक ओर भारत का एजुकेशन सिस्टम दुनिया के सबसे बड़े एजुकेशन सिस्टम में से एक है, लेकिन हाल ही में हुई स्टडीज दिखाती हैं कि टेक्निकल और नॉन-टेक्निकल स्किल्स दोनों में ही गैप बढ़ा है. यह प्रोजेक्ट भारत की नई शिक्षा नीति, 2020 का समर्थन करता है. यह प्रोजेक्ट स्टूडेंट्स को तमाम नौकरियों और रोजगार के मौकों के लिए तैयार करता है. इसके तहत टेक्निकल एजुकेशन में फीमेल स्टूडेंट्स की भागीदारी को भी बढ़ाने की कोशिश की जाएगी.