Elon Musk Twitter Deal: लंबी खींचतान और कोर्ट में चले मामले के बाद अब माइक्रोब्लॉगिंग साइट ट्विटर को एलन मस्क ने खरीद लिया है. एलन मस्क (Elon Musk) ने अपनी ट्विटर बायो को भी बदल दिया है और वहां Chief Twit लिख दिया है. दुनिया के सबसे अमीर शख्स और स्पेसएक्स और टेस्ला के मालिक एलन मस्क ने अब ट्विटर को भी अपने नाम कर लिया है. एलन मस्क ने ट्विटर खरीदने के बाद सबसे पहले सीईओ पराग अग्रवाल और चीफ फाइनेंस ऑफिसर नेड सेगल और कुछ दूसरे अधिकारियों को बाहर रास्ता दिखाया. हालांकि खबर लिखते समय पराग अग्रवार की बायो में अभी भी सीईओ @twitter लिखा हुआ है. बता दें कि दोनों के बीच कई बार सार्वजनिक तौर पर बहस हो चुकी थी और ऐसा माना जा रहा था कि एलन मस्क के ट्विटर खरीदते ही पराग अग्रवाल को बाहर का रास्ता दिखा दिया जाएगा. 

पराग अग्रवाल को मिलेगी इतनी रकम

COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

पराग अग्रवाल को लगभग 42 मिलियन डॉलर (321 करोड़ रुपए) मिलेंगे. रिसर्च फर्म इक्विलर (Equilar) के अनुसार, कंपनी के सीईओ के रूप में नियुक्त होने के 12 महीनों के भीतर यदि उन्हें नौकरी से निकाला जाता है तो उन्हें लगभग 42 मिलियन डॉलर मिलेगा. पराग अग्रवाल ने नवंबर 2021 में जैक डोर्सी (Jack Dorsey) के बाद ट्विटर (Twitter) के सीईओ का पदभार ग्रहण किया था.

लंबे ड्रामा के बाद सक्सेसफुल हुई डील

इस साल के अप्रैल महीने में एलन मस्क ने ट्विटर डील खरीदने का ऐलान किया था. सबसे पहले उन्होंने 9.2 फीसदी की हिस्सेदारी खरीदी थी. इसके बाद एलन मस्क को ट्विटर के बोर्ड में शामिल होने का इनवाइट दिया गया था. इसके बाद उन्होंने बोर्ड में शामिल होने से मना कर दिया था और 44 बिलियन डॉलर में ट्विटर को खरीदने का प्रस्ताव रखा था. 

शुरुआती समय में शेयरहोल्डर्स ने इस फैसले पर कोई राय नहीं दी लेकिन बाद में मान गए. लेकिन मई महीने में एलन मस्क और पराग अग्रवाल बॉट अकाउंट्स को लेकर एक दूसरे के सामने आ गए, जिसके बाद मस्क ने ट्विटर डील को होल्ड कर दिया. इसके बाद मामला कोर्ट पहुंचा और अब फाइनली एलन मस्क इस डील को पूरा कर चुके हैं. 

डील फाइनल करने से पहले मस्‍क का बयान

ट्विटर पर शेयर किए गए इस पोस्ट में उन्होंने कहा है कि "मैंने ट्विटर क्यों खरीदा है और मैं एडवर्टाइजिंग के बारे में क्या सोचता हूं, इसपर काफी अटकलें लगाई गई हैं, जिनमें से ज्यादातर गलत ही रही हैं. ट्विटर का अधिग्रहण करने की वजह ये है कि हमारी आने वाली सभ्यता के पास एक कॉमन डिजिटल स्पेस होना चाहिए, जहां अलग-अलग विचारधारा, विश्वास के लोग बिना हिंसा के स्वस्थ चर्चा कर सकें."