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बड़ी कामयाबी- बिना लॉकडाउन, न कोई पाबंदी, इस देश ने CoronaVirus को हराया

कोरोना वायरस दुनिया में पैर पसार चुका है. चीन से शुरू हुए इस वायरस ने इटली, अमेरिका, फ्रांस, ब्रिटेन और भारत जैसे देशों में भी खौफ फैलाया है. लगातार फैलते इस वायरस का सबसे बुरा असर चीन, इटली और स्पेन में हुआ है. वहीं, भारत में भी लगातार बढ़ते मामले अच्छे संकेत नहीं हैं. भारत में कोरोना संक्रमित लोगों की संख्या 562 हो चुकी है. इनमें अब तक 10 मौत हो चुकी हैं. जबकि 45 लोगों पूरी तरह ठीक हो गए हैं.
Updated on: March 25, 2020, 03.35 PM IST
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कोरोना को हराने वाला पहला देश

भारत में कोरोना वायरस से लड़ने के लिए लगातार प्रयास किए जा रहे हैं. सरकार भी जरूरी कदम उठा रही है. 14 अप्रैल तक पूरे भारत को लॉकडाउन कर दिया गया है. 21 दिन लॉकडाउन में अगर हालात पर काबू नहीं किया गया तो चिंताएं और बढ़ सकती हैं. हालांकि, चीन में अब स्थिति सुधरती दिख रही है. पिछले कुछ दिनों में वहां नए संक्रमित मरीजों की संख्या तेजी से गिरी है. लेकिन, एक देश ऐसा भी है, जिसने कोरोना को हरा दिया है. खास बात यह है कि इस देश ने कोई लॉकडाउन नहीं किया. बाजार बंद नहीं किए. किसी तरह की कोई पाबंदी नहीं लगाई. अगर हमें सीखना है तो ऐसे देश से सीखना चाहिए.

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दक्षिण कोरिया ने कोरोना को हराया

चीन का पड़ोसी देश दक्षिण कोरिया. कोरोना वायरस की शुरुआत में चीन के वुहान के बाद सबसे पहले कोरोना ने अपने पैर दक्षिण कोरिया में ही जमाए थे. कोरोना संक्रमित देशों की लिस्ट में दक्षिण कोरिया फिलहाल 8वें नंबर पर है. शुरुआत से अब तक यहां संक्रमण के 9137 मामले सामने आए हैं. इनमें से 3500 से ज्यादा लोग ठीक हो चुके हैं. 129 लोगों की मौत हुई है. जबकि अब सिर्फ 59 मरीज गंभीर संक्रमण में हैं.

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न लॉकडाउन, न बाजार बंद किए

दक्षिण कोरिया में मार्च के दूसरे हफ्ते तक 8000 लोग संक्रमित पाए गए थे. लेकिन, पिछले कुछ दिनों में सिर्फ 12 मामले सामने आए हैं. मार्च के दूसरे हफ्ते के बाद ही लोगों ने कोरोना को लेकर खुद सतर्कता दिखाई. खास बात यह है कि देश में पहला संक्रमित मामला आने के बाद से न तो कोई लॉकडाउन किया गया और न ही बाजार बंद हुए. लोगों पर किसी तरह की कोई पाबंदी नहीं लगाई गई. लेकिन, फिर भी इस देश ने कोरोना वायरस को हरा दिया. 

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कैसे कसी कोरोना पर नकेल

दक्षिण कोरिया ने कोरोना के खिलाफ पैनिक नहीं किया. देश के लोगों ने ही इसे हराने के भी कई तरीके निकाले. ये तरीके सफल भी साबित हुए. दक्षिण कोरिया के इन तरीकों को कोरोना से लड़ने के लिए मॉडल माना जा रहा है. दक्षिण कोरिया के विदेश मंत्री कांग युंग वा के मुताबिक, शुरुआत में हम भी डर गए थे. लेकिन, पैनिक न फैले इसके लिए शुरुआती टेस्ट जरूरी थे. जल्द टेस्ट और बेहतर इलाज से ही कोरोना वायरस को रोका जा सकता है. यही वजह है कि दक्षिण कोरिया में मरने वालों की संख्या भी काफी कम रही. मार्च के महीने में ही दक्षिण कोरिया में कुल 600 से ज्यादा टेस्टिंग सेंटर खोल गए. 50 से ज्यादा ड्राइविंग स्टेशनों पर स्क्रीनिंग की गई.

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क्या-क्या किया गया?

दक्षिण कोरिया ने एतिहात बरतते हुए हर उस चीज का इस्तेमाल किया जो कोरोना को हराने में मदद कर सकती थी. हर शहर में रिमोट टेम्परेचर स्कैनर, गले खराबी की जांच की गई. टेस्ट होने के एक घंटे के अंदर रिपोर्ट निकालने की व्यवस्था की गई. फोनबूथ को टेस्टिंग सेंटर में बदल दिया गया. संक्रमण की जांच के लिए बड़ी इमारतों, होटलों, पार्किंग और सार्वजनिक स्थानों पर थर्मल इमेजिंग कैमरे लगाए. इससे बुखार पीड़ित व्यक्ति की तुरंत पहचान हो सके.

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होटल-रेस्त्रां में हुई जांच

बाजार बंद न करने का फायदा यह मिला कि होटल और रेस्त्रां में आने वाले लोगों की जांच की गई. बुखार का टेस्ट होने के बाद ही लोगों को होटलों में जाने की अनुमति दी गई. द. कोरिया के हेल्थ एक्सपर्ट्स ने संक्रमण से बचने के लिए हाथों का कैसा इस्तेमाल करना है. इसका तरीका भी सिखाया गया. यह अपने आप में अनोखा तरीका था. दाएं हाथ से काम करने वाले व्यक्ति को  मोबाइल चलाने, डोर हैंडल पकड़ने और हर छोटे-बड़े काम करने के लिए बाएं हाथ का इस्तेमाल करने की सलाह दी गई. 

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हाथों का सही इस्तेमाल बताया

दक्षिण कोरिया यह तरीका बेहद कामयाब रहा. दाएं हाथ वालों की तरह बाएं हाथ वालों से ज्यादातर काम दाएं हाथ से करने को कहा गया. एक्सपर्ट मानते हैं कि ज्यादातर लोग जिस हाथ का ज्यादा इस्तेमाल करते हैं उसकी हाथ का इस्तेमाल रोजमर्रा के काम के लिए भी किया जाता है. वही हाथ सबसे पहले चेहरे पर जाता है.