पाकिस्तान के वित्त मंत्री असद उमर ने शनिवार को कहा कि पाकिस्तान (Pakistan) किसी नए राहत पैकेज के लिए अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) से संपर्क नहीं करेगा, बल्कि अपने आर्थिक संकट से उबरने के लिए वह अन्य विकल्पों पर विचार कर रहा है. असद उमर ने कराची चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री में कारोबारियों के साथ चर्चा के दौरान यह बात कही. गौरतलब है कि पाकिस्तान ने आईएमएफ से राहत पैकेज पाने की पुरजोर कोशिश की, लेकिन पाकिस्तान में चीन के निवेश को लेकर स्पष्टता की कमी के चलते आईएमएफ ने पैकेज देने से इनकार कर दिया. हालांकि पाकिस्तान के लिए राहत की बात ये हुई कि उसे सऊदी अरब से राहत पैकेज मिल गया.

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उमर ने कहा कि प्रधानमंत्री इमरान खान की सरकार ने निर्णय किया है कि वह आईएमएफ के साथ किसी नए राहत पैकेज का समझौता नहीं करेगी बल्कि पाकिस्तान की लड़खड़ाती अर्थव्यवस्था को वापस पटरी पर लाने के लिए वह अन्य संभावित विकल्पों पर काम कर रही है. भुगतान संतुलन के संकट से जूझ रही पाकिस्तान सरकार आईएमएफ के साथ आठ अरब डॉलर के राहत पैकेज पर बातचीत कर रही थी.

सरकार ने आर्थिक मदद के लिए सऊदी अरब, चीन और संयुक्त अरब अमीरात जैसे पाकिस्तान के ‘मित्र देशों’ के साथ भी संपर्क किया है. उमर ने कहा कि सरकार आईएमएफ के साथ किसी नए राहत पैकेज का समझौता नहीं करेगी क्योंकि यह देश के लिए कड़ी आर्थिक शर्तें लेकर आएगा. उन्होंने कहा कि सरकार 23 जनवरी को एक छोटा बजट पेश करेगी. वह लाहौर और कराची में कारोबारियों से बातचीत कर रहे हैं ताकि वित्त विधेयक में संशोधन किया जा सके. यह संशोधन कारोबारियों को अधिक सुविधाएं प्रदान करेगा. उमर ने इशारा किया कि यह विधेयक पाकिस्तान स्टॉक एक्सचेंज के लिए कुछ ‘खुशखबरी’ लेकर आएगा.