Pakistan Crisis: पाकिस्तान की संसद ने सोमवार को शहबाज शरीफ को निर्विरोध देश का 23वां प्रधानमंत्री चुन लिया. इसी के साथ इमरान खान के खिलाफ आठ मार्च को लाये गये अविश्वास प्रस्ताव के बाद से देश में बनी अनिश्चितता की स्थिति खत्म हो गई. पूर्व विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने अपनी पार्टी पाकिस्तान तहरीक-ए इंसाफ के संसद में मतदान में भाग नहीं लेने और वॉकआउट करने की घोषणा की थी. जिसके बाद 70 साल के शहबाज प्रधानमंत्री पद की दौड़ में अकेले उम्मीदवार रह गये थे. 

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‘‘बुराई पर अच्छाई की जीत हुई है’’

स्पीकर अयाज सादिक ने इस सत्र की अध्यक्षता की और नतीजों की घोषणा की जिसके अनुसार, ‘‘शरीफ को 174 वोट मिले हैं और उन्हें पाकिस्तान इस्लामी गणराज्य का प्रधानमंत्री घोषित किया जाता है.’’ इससे पहले डिप्टी स्पीकर कासिम सूरी ने कहा था कि, उनकी अंतरात्मा सत्र के संचालन की इजाजत नहीं देती. 342 सदस्यीय सदन में जीत के लिए कम से कम 172 सदस्यों के समर्थन की जरूरत थी.

Zee Business Hindi Live TV यहां देखें प्रधानमंत्री के रूप में सदन में अपने पहले भाषण में शहबाज ने कहा कि पाकिस्तान के इतिहास में पहली बार किसी प्रधानमंत्री के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव कामयाब हुआ है. उन्होंने कहा, ‘‘बुराई पर अच्छाई की जीत हुई है.’’ उन्होंने कहा कि यह पूरे देश के लिए आज बड़ा दिन है, जहां एक चुने हुए प्रधानमंत्री को कानूनी और संवैधानिक तरीके से घर भेज दिया गया है.

सुप्रीम कोर्ट को दिया धन्यवाद

तीन बार प्रधानमंत्री रह चुके नवाज शरीफ के छोटे भाई शहबाज ने कहा कि अमेरिकी डॉलर का मूल्य आज 8 रुपये कम होना ‘जनता की खुशी’ को दर्शाता है. उन्होंने शीर्ष अदालत के ‘सर्वसम्मति से दिये गये’ फैसले का स्वागत करते हुए कहा कि उच्चतम न्यायालय ने जिस दिन फैसला सुनाया, उसे पाकिस्तान के इतिहास में ‘ऐतिहासिक दिन’ के तौर पर दर्ज किया जाना चाहिए. ‘पत्र विवाद’ पर शहबाज ने कहा कि खत 7 मार्च को आया था, लेकिन अविश्वास प्रस्ताव लाने का फैसला उससे पहले ले लिया गया था। उन्होंने कहा, ‘‘इसलिए यदि (पूर्ववर्ती सरकार ने जो दावा किया वह) गलत है तो मामले को पारदर्शिता के साथ जनता के सामने रखा जाना चाहिए.’’

 उन्होंने घोषणा की कि संसद की सुरक्षा संबंधी समिति इसके सदस्यों को ‘धमकी भरे पत्र’ मिलने के मामले में सशस्त्र बलों के अधिकारियों और नौकरशाहों, आईएसआई प्रमुख, विदेश सचिव तथा इसे लिखने वाले राजदूत की मौजूदगी में सदस्यों को ब्रीफिंग देगी. सुरक्षा समिति की बैठक बंद कमरे में जल्द से जल्द करने का संकल्प जताते हुए शहबाज ने कहा, ‘‘अगर इस बात के रत्ती भर भी सबूत मिलते हैं कि हमें विदेशी साजिशकर्ताओं से मदद मिली तो स्पीकर साहब मैं आपको और अल्लाह को साक्षी मानकर एक भी सैकंड पद पर नहीं रहना चाहूंगा और इस्तीफा दे दूंगा.’’ उन्होंने वैश्विक स्तर पर पाकिस्तान को समर्थन जताने के लिए चीन की तारीफ की और कहा कि दोनों देशों के बीच दोस्ती कायम रहेगी.

राष्ट्रपति आरिफ अल्वी दिलाऐंगे शपथ 

शपथ-ग्रहण समारोह प्रेसीडेंड हाउस में आयोजित किया जाएगा जहां राष्ट्रपति आरिफ अल्वी उन्हें पद की शपथ दिलाएंगे. इससे पहले कुरैशी ने संसद से अपनी पार्टी के सांसदों के सामूहिक इस्तीफे की घोषणा करते हुए मतदान प्रक्रिया का बहिष्कार किया. उनका फैसला अचानक नहीं आया और पार्टी पहले ही घोषणा कर चुकी थी कि वह नये प्रधानमंत्री के चुनाव का प्रक्रिया का बहिष्कार करेगी.