आर्थिक बदहाली के चलते कंगाल हो चुके पाकिस्तान (Pakistan) को बचाने के लिए अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) उसे कर्ज देने के लिए तैयार हो गया है. हालांकि इस कर्ज के बदले आईएमएफ ने पाकिस्तान के सामने कुछ ऐसी शर्त रखीं हैं, जिससे घरेलू मोर्चे पर इमरान खान के लिए मुश्किलें बढ़ सकती हैं. पाकिस्तान के मीडिया ग्रुप जियो न्यूज के मुताबिक आईएमएफ ने शर्त रखी है कि 7 अरब डॉलर का कर्ज पाने के लिए पाकिस्तान को अगले दो वर्षों के दौरान 700 अरब रुपये (पाकिस्तानी रुपये) की टैक्स छूट वापस लेनी होगी.

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रिपोर्ट के मुताबिक आईएमएफ की शर्त पर पाकिस्तान ने अपनी सहमति दे दी है. हालांकि ये शर्त पाकिस्तान के लिए नई परेशानी पैदा करेगी. टैक्स छूट वापस लेने के चलते पाकिस्तान में महंगाई तेजी से बढ़ेगी. इसका सबसे ज्यादा असर बिजली, गैस और अन्य ईंधन की कीमतें पर पड़ेगा. जाहिर तौर पर आगे चलते बाकी चीजें भी महंगी होंगी क्योंकि उत्पादन के लिए ईंधन बुनियादी जरूरत है. जानकारों के मुताबिक पाकिस्तान के सामने इन शर्तों को मानने के सिवा कोई रास्ता नहीं था.

पाकिस्तान के वित्त मंत्रालय के सूत्रों के मुताबिक दोनों पक्ष शुक्रवार को अंतिम दौर की वार्ता करेंगे और इसके साथ ही बेलआउट पैकेज को अंतिम रूप दे दे दिया जाएगा. सूत्रों के मुताबिक लोन की राशि 6.4 अरब डॉलर के आसपास हो सकती है. बेलआउट पैकेज के तहत पाकिस्तान को आईएमएफ की शर्तों को मानना होगा. इसके चलते प्रमुख क्षेत्रों में दी गई कर छूट और सब्सिडी वापस लेनी होगी.

समझौते के तहत सरकार एक साल के भीतर दो चरणों में उपभोक्ताओं से गैस और बिजली पर दी जाने वाली सब्सिडी वापस लेगी. इसके अलावा कुछ नए कर लगाए जाएंगे, जिसकी घोषणा 11 जून को की जा सकती है.