पाकिस्तान में गरीब लोगों के नाम पर खोले गये फर्जी बैंक खातों से 10 हजार करोड़ रुपये से अधिक कालेधन की हेरा-फेरी की गई. मीडिया की एक रपट के अनुसार पाकिस्तान के सुप्रीम कोर्ट द्वारा गठित संयुक्त जांच दल की ताजा रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई है. जियो न्यूज की खबर के अनुसार, इस जांच दल ने शीर्ष अदालत को सोमवार को अपनी दूसरी रिपोर्ट सौंपी.

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जांच दल ने कहा कि फर्जी आधार पर खोले गए बैंक खातों से शुरू हुए इस जटिल घोटाले में 100 अरब रुपये से अधिक की काली कमाई को सफेद किया गया है. अधिकांश मामलों में बैंक अधिकारियों से सांग-गांठ कर गरीब लोगों के नाम से बैंक खाते खोले गए और उनके जरिए भारी लेन-देन किए गए. संयुक्त जांच दल सितंबर से जांच का काम कर रहा है.

पाकिस्तान की संघीय जांच एजेंसी (FIA) संदिग्ध खातों के जरिए धन की हेरा-फेरी के संबंध में 32 लोगों की जांच कर रही है. इन लोगों में पाकिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी और उनकी बहन फरयाल तलपुर भी शामिल हैं. जरदारी के एक करीबी सहयोगी हुसैन लावाई को जुलाई में गिरफ्तार किया जा चुका है. जरदारी के एक अन्य पूर्व सहयोगी और उसके बेटे को अगस्त में गिरफ्तार किया गया.

अब तक हुई जांच से पता चला है कि 2013, 2014 और 2015 में कुछ निजी बैंकों में कई बेनामी खाते खोले गए जिनके जरिये अरबों रुपये का लेन-देन किया गया. एजेंसी के सूत्रों के अनुसार, ये कालाधन हैं जिन्हें घूस और कमिशन आदि के जरिये जमा किया गया.