कोरोना वायरस के कहर से दुनिया की अर्थव्यवस्था इस समय संकट के दौर से गुजर से रही है. अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए फेडरल रिजर्व ने अमेरिकी अर्थव्यवस्था को कोरोना वायरस के प्रभाव से बचाने के लिये बैंकों को असीमित मात्रा में नकद धन उपलब्ध कराने के लिए बड़ा कदम उठाया है. अमेरिकी केंद्रीय बैंक अधिक-से-अधिक बांड की खरीद करेगा और इस संकट से पार पाने में मदद के लिये छोटी एवं बड़ी कंपनियों तथा स्थानीय सरकारों को कर्ज देना शुरू करेगा.

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फेडरल रिजर्व की घोषणा में बांड खरीद की कोई सीमा तय नहीं की गई है. इस पहल का मकसद अर्थव्यवस्था में नकदी के प्रवाह को बनाये रखना है जो कारोनो वायरस महामारी के कारण संकट में है. केंद्रीय बैंक का यह कदम 2008 में आर्थिक संकट के दौरान किये गये उपायों से भी व्यापक है.

फेडरल रिजर्व ने एक बयान में कहा कि कोरोना वायरस महामारी से अमेरिका और दुनिया के अन्य देशों में संकट गहरा गया है.

बयान में कहा गया है, ‘हमारे देश की पहली प्राथमिकता उन क्षेत्रों की मदद करना है जो इससे प्रभावित हैं तथा वायरस को फैलने से रोकना है. अनिश्चितता की स्थिति बनी हुई है, यह साफ है कि अर्थव्यवस्था के समक्ष गंभीर बाधाएं आएंगी. सावजनिक एवं निजी दोनों क्षेत्रों में आक्रमक कदम उठाने की जरूरत होगी ताकि नौकरी से निकाले जाने और आय में कमी को रोका जा सके तथा संकट टलने पर तेजी से चीजों को पटरी पर लायी जा सके.’

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फेडरल रिजर्व तीन नई कर्ज सुविधाएं स्थापित करेगा. इसके जरिये कॉरपोरेट बांड, नगर निगम बांड और वाहन तथा रीयल एस्टेट कर्ज से जुड़ी प्रतिभूतियां खरीदकर 300 अरब डॉलर उपलब्ध कराये जाएंगे.

साथ ही वह ब्याज को थामे रखने के लिये असीमित राशि के ट्रेजरी बांड और गिरवी रखी प्रतिभूतियों को खरीदेगा.