Fake job offers abroad: विदेश मंत्रालय ने विदेशों में नौकरी देने संबंधी लुभावनी ऑफर करने वाली कंपनियों से भारतीय नागरिकों को सचेत रहने और पूरी जांच परखने करने का सुझाव दोहराते हुए शुक्रवार को कहा कि म्यामां, कंबोडिया, लाओस में फंसे सभी भारतीयों को सुरक्षित निकालने के लिये प्रयास जारी हैं. भाषा की खबर के मुताबिक, विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागवी ने संवाददाताओं से कहा कि जहां तक म्यांमा में फंसे भारतीय नागरिकों का सवाल है, हम इस मामले को देख रहे हैं जिनमें फर्जी पेशकश (fake job offers)की गई है. उन्होंने कहा कि अब तक करीब 50 लोगों को सुरक्षित निकाला गया है और कुछ लोग अभी भी फंसे हुए हैं.

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लाओस और कंबोडिया से अब तब 80 लोगों को सुरक्षित निकाला गया 

खबर के मुताबिक, प्रवक्ता ने कहा कि कुछ सुरक्षित निकाले गए लोग लौट आए हैं जबकि कुछ लोग अवैध प्रवेश के मामले में वहां की पुलिस की हिरासत में हैं. खबरों में म्यामां में 300 लोगों के फंसे होने की रिपोर्ट के बारे में पूछे जाने पर बागची ने कहा कि कुछ लोग वहां फंसे हैं लेकिन यह संख्या निश्चित तौर पर 300 नहीं है. इन लोगों को निकालने के प्रयास जारी हैं. विदेश मंत्रालय(Ministry of External Affairs) के प्रवक्ता ने बताया कि लाओस और कंबोडिया से अब तब 80 लोगों को सुरक्षित निकाला गया है. उन्होंने कहा कि हमने पिछले महीने सलाह भी जारी किया है जिसमें ऐसी लुभावनी पेशकश करने वाली कंपनियों से सचेत रहने को कहा गया था. 

कंपनियों से बेहद सचेत रहें 

बागची ने दोहराया कि विदेशों में नौकरी देने संबंधी लुभावनी पेशकश (fake job offers) करने वाली कंपनियों से बेहद सचेत रहें क्योंकि अगर आप वहां फंस गए तब बाहर निकालने में कठिनाई आती है. गौरतलब है कि इससे पहले बागची ने कहा था कि दक्षिण पूर्वी म्यामां के म्यावाड्डी क्षेत्र में बंधक बनाए गए भारतीयों के विषय से मंत्रालय (Ministry of External Affairs) अवगत है. थाईलैंड में आईटी कंपनियां रोजगार के लिए भारतीय श्रमिकों की भर्ती करती हैं जिन्हें म्यांमा ले जाया जाता है. इनमें से कुछ के अवैध रूप से जाने की भी खबरें आती हैं. 

तमिलनाडु के मुख्यमंत्री ने की पीएम से मांग

इस विषय में तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम. के. स्टालिन (Tamil Nadu CM M.K. Stalin) ने म्यांमा में ‘अवैध रूप से बंधक’ बनाए गए भारतीयों को बचाने और वापस लाने के लिए बुधवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) से हस्तक्षेप करने की मांग की थी. स्टालिन ने प्रधानमंत्री मोदी को लिखी चिट्ठी में कहा था कि राज्य सरकार को करीब 50 तमिलों सहित करीब 300 भारतीयों के म्यांमा में फंसे होने की सूचना मिली है, जो बहुत मुश्किलों का सामना कर रहे हैं.