कोरोना वायरस से लड़ाई में बड़ा झटका! ऑक्सफोर्ड वैक्सीन का ट्रायल रुका, जानें वजह
दुनिया के अन्य वैक्सीन ट्रायल के मुकाबले ये सबसे आगे चल रही थी. भारत समेत कई देशों की निगाहें ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी की वैक्सीन पर टिकी हुईं हैं.
कोरोना वायरस (Coronavirus) संक्रमण के खिलाफ लड़ाई में दुनिया को बड़ा झटका लगा है. ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी (Oxford university) और एस्ट्राजेनेका (AstraZeneca) की वैक्सीन (covid-19 Vaccine) के ह्यूमन ट्रायल को फिलहाल रोक दिया गया है. ट्रायल में शामिल एक व्यक्ति की हालत बिगड़ने पर ट्रायल रोका गया है. एस्ट्राजेनेका के मुताबिक, यह एक रूटीन रुकावट है, क्योंकि टेस्टिंग में शामिल व्यक्ति की बीमारी के बारे में अभी तक कुछ समझ में नहीं आ रहा है.
बता दें, ऑक्सफोर्ड और एस्ट्राजेनेका की इस वैक्सीन का नाम AZD1222 रखा गया था. विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के मुताबिक, दुनिया के अन्य वैक्सीन ट्रायल के मुकाबले ये सबसे आगे चल रही थी. भारत समेत कई देशों की निगाहें ऑक्सफ़ोर्ड यूनिवर्सिटी की वैक्सीन पर टिकी हुईं हैं. जानकारों का मानना है कि बहुत उम्मीद है कि बाज़ार में सबसे पहले आने वाली वैक्सीन में ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी की हो.
न्यूज एजेंसी AFP की खबर के मुताबिक, पूरी दुनिया में चल रहे ट्रायल को फिलहाल रोक दिया गया है. एक स्वतंत्र जांच के बाद ही इसे फिर शुरू किया जाएगा. वैक्सीन के तीसरे चरण के ट्रायल में हज़ारों लोग शामिल होते हैं. कोरोना वैक्सीन के तीसरे चरण के ट्रायल में करीब 30 हजार लोग शामिल हैं. आमतौर पर वैक्सीन के ट्रायल में कई साल लगते हैं. लेकिन, महामारी के दौर में इस पर तेजी से काम चल रहा है.
ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी के प्रवक्ता के मुताबिक, बड़े ट्रायल में बीमार पड़ने की पूरी आशंका है. लेकिन, इसकी स्वतंत्र जांच बहुत जरूरी है. यह दूसरी बार हुआ है जब ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी में कोरोना वायरस के वैक्सीन के ट्रायल को रोका गया है.
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मरीज के जल्द ठीक होने की उम्मीद
अभी तक यह स्पष्ट नहीं हुआ है कि मरीज पर किस तरह का साइड इफेक्ट हुआ है. हालांकि, मरीज के जल्द ही ठीक होने की उम्मीद है. वैक्सीन के ट्रायल के दौरान उसे रोका जाना कोई नई बात नहीं है. लेकिन, इससे दुनियाभर में जल्द से जल्द कोरोना वायरस वैक्सीन मिलने के प्रयासों को बड़ा झटका लगा है. ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी और एस्ट्राजेनिका की यह वैक्सीन रेस में सबसे आगे चल रही थी.
ब्रिटेन के स्वास्थ्य मंत्री मैट हैकांक ने पिछले हफ्ते उम्मीद जताई थी कि साल 2021 के शुरुआती महीनों में यह वैक्सीन आ जाएगी. भारत समेत दुनियाभर से इस वैक्सीन के लिए बड़े-बडे़ ऑर्डर आने शुरू हो गए थे.