कोरोना वायरस (Coronavirus) के मामलों में देश दूसरे नंबर पर पहुंच चुका है. लगातार रिकॉर्ड केस सामने आ रहे हैं. बढ़ते मामलों को बीच कोरोना वैक्सीन (Coronavirus Vaccine) को लेकर चर्चाएं तेज हो गई हैं. वहीं, रूस ने यह दावा किया है कि उसकी वैक्सीन (Russia Covid-19 Vaccine) अब आम पब्लिक के लिए उपलब्ध होगी. इस हफ्ते से वहां पब्लिक को टीका दिया जाएगा. 11 अगस्त को रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन (vladimir putin) ने दुनिया की पहली कोरोना वैक्सीन को लॉन्च किया था. इस वैक्सीन का नाम स्पूतनिक V (Sputnik-V vaccine) है. 

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आम लोगों को मिल सकेगा टीका

कोरोना वैक्सीन स्पूतनिक V (Sputnik-V vaccine) की सप्लाई और उत्पादन को लेकर भारत और रूस के बीच कई स्तरों पर बातचीत भी चल रही है. भारत में रूस के राजदूत निकोलेय कुशादेव ने इस बात की जानकारी दी है. बता दें कि लैंसेट जर्नल के अनुसार शुरुआती ट्रायल में इस वैक्सीन का कोई गंभीर साइड इफेक्ट सामने नहीं आया है. अब रूस ने दुनिया को एक बार फिर खुशखबरी दी है कि इस हफ्ते से वैक्सीन का टीका आम लोगों के लिए उपलब्ध हो जाएगा. वैक्सीन को मॉस्‍को के गामलेया रिसर्च इंस्टिट्यूट ने रूसी रक्षा मंत्रालय के साथ मिलकर तैयार किया है.

स्वास्थ्य मंत्रालय की मंजूरी का इंतजार

रशियन एकेडमी ऑफ साइंसेस में डिप्टी डायरेक्टर डेनिस लोगुनोव के हवाले से रूस की न्यूज एजेंसी TASS ने कहा कि स्पूतनिक V वैक्सीन को रूस के स्वास्थ्य मंत्रालय की अनुमति के बाद इसे इस्तेमाल के लिए जारी कर दिया जाएगा. स्वास्थ्य मंत्रालय इस वैक्सीन का टेस्ट शुरू करने जा रहा है और हम जल्द ही इसकी अनुमति हासिल कर लेंगे.

10 तारीख के बाद मिल सकती है मंजूरी

रिपोर्ट के मुताबिक, आम लोगों को वैक्सीन देने के लिए निश्चित प्रक्रिया है. 10 से 13 सितंबर के बीच नागरिक इस्तेमाल के लिए वैक्सीन के बैच की मंजूरी लेनी है. इसके बाद आम पब्लिक को वैक्सीन लगाई जानी शुरू हो जाएगी. बता दें, वैक्सीन के दो ट्रायल इस साल जून-जुलाई में किए गए थे और इसमें 76 प्रतिभागी शामिल थे. परिणामों में 100 फीसदी एंटीबॉडी विकसित हुई थी.

रूस का दावा- 20 साल की मेहनत का नतीजा

सेशेनॉव यूनिवर्सिटी में टॉप साइंटिस्ट वादिम तारासॉव ने दावा किया है कि देश 20 साल से इस क्षेत्र में अपनी क्षमता और काबिलियत को तेज करने के काम में लगा हुआ है. इस बात पर लंबे वक्त से रिसर्च की जा रही है कि वायरस कैसे फैलते हैं. इन्हीं दो दशकों की मेहनत का नतीजा है कि देश को शुरुआत शून्य से नहीं करनी पड़ी और उन्हें वैक्सीन बनाने में एक कदम आगे आकर काम शुरू करने का मौका मिला.

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कई देशों में चल रहे हैं ट्रायल

विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के मुताबिक, कोरोना वायरस की वैक्सीन को तैयार करने के लिए दुनियाभर में 170 से ज्यादा जगहों पर प्रयास किए जा रहे हैं. हालांकि, इनमें से कई वैक्सीन अभी प्री-क्लिनिकल दौर में हैं. लेकिन, दुनिया की नजरें उन प्रयासों पर टिकी हैं जहां तीसरे चरण का परीक्षण चल रहा है. कोरोना वायरस से अब तक दुनिया में 8,70,000 लोग मारे जा चुके हैं और ढ़ाई करोड़ से ज्यादा लोग इस वायरस की चपेट मे हैं.