कोरोना से बचने के लिए घरों में रहने की सलाह दी जाती है. देश ने करीब तीन महीने का लॉकडाउन झेला है. इस लॉकडाउन का मकसद ही लोगों को घरों में रखना था, ताकि कोरोना के फैलाव पर कंट्रोल किया जा सके. लेकिन एक स्टडी तो इससे बिल्कुल उल्टी बात ही बयां करती है. स्टडी बताती है कि बाहर के मुकाबले घर में रहने वाले लोगों कोविड-19 महामारी से ज्यादा संक्रमित हो रहे हैं.

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अमेरिका के सेंटर्स फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन (Centers for Disease Control and Prevention-CDC) में एक रिपोर्ट प्रकाशित हुई है.          

रिपोर्ट में कहा गया है कि 5,706 मरीजों पर एक शोध किया गया जो कोरोना वायरस से प्रभावित थे. इसमें 59,000 उन ऐसे लोगों को शामिल किया गया 5706 मरीजों के संपर्क में आए थे.

शोध से पता चला कि 100 में से केवल दो लोग ऐसे थे जो घर के बाहर कोरोना वायरस के संपर्क में आए. जबकि 10 में 1 व्यक्ति घर के अंदर ही वायरस से संक्रमित हुआ. संक्रमित लोगों में ज्यादातर बुजुर्ग तथा बच्चे शामिल थे.

रिपोर्ट में दक्षिण कोरिया महामारी रोकथाम सेंटर (Korea Centers for Disease Control-KCDC) के डायरेक्‍टर डॉ जिओंग इउन क्‍योंग (Jeong Eun kyeong) के हवाले से कहा गया कि ऐसा इसलिए है कि बच्चे तथा बुजुर्ग का परिवार के सदस्‍यों से करीब का संपर्क होता है. ऐसे लोगों को ज्‍यादा संरक्षण या मदद की जरूरत होती है. सर्वे में यह भी पाया गया कि बच्‍चों में कोरोना वायरस की गंभीरता का खतरा कम होता है.

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यह सर्वे 20 जनवरी से 27 मार्च के दौरान किया गया. इस दौरान कोरोना वायरस का संक्रमण दक्षिण कोरिया में पूरे पीक पर था. 

बता दें कि भारत में भी कोरोना वायरस का संक्रमण तेजी से फैल रहा है. देश में संक्रमित मरीजों की संख्या 10 लाख को पार कर गई है.