Malaysia bans chicken export: मलेशिया ने घरेलू खाद्य सप्लाई बढ़ाने के लिए बड़ा कदम उठाया है. वह अपने संरक्षणवादी कदम के तहत बुधवार से चिकन का एक्सपोर्ट बंद कर देगा. इससे पड़ोसी सिंगापुर में संकट पैदा हो गया है, जहां चिकन-चावल एक लोकप्रिय राष्ट्रीय व्यंजन है. मलेशिया के प्रधानमंत्री इस्माइल साबरी याकूब ने पिछले हफ्ते इसकी घोषणा की थी. उन्होंने कहा था कि उनका देश एक जून से घरेलू कीमतें और उत्पादन स्थिर होने तक प्रति महीने 36 लाख मुर्गों के निर्यात पर प्रतिबंध लगाएगा. इस कदम का सबसे ज्यादा असर सिंगापुर में महसूस किया जा सकता है, जो मलेशिया से अपने पोल्ट्री उत्पादों का एक-तिहाई हिस्सा आयात करता है.

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‘सिंगापुर स्ट्रेट्स टाइम्स’ ने कहा कि चिकन विक्रेताओं ने अनुमान लगाया है कि चिल्ड (बर्फ से नियत तापमान पर ठंडा किए गए) चिकन की कीमत 30 प्रतिशत तक बढ़ सकती है. इससे चिकन से तैयार व्यंजनों की कीमतों में वृद्धि होना तय है. सिंगापुर सरकार ने लोगों से फ्रोजन चिकन और दूसरे वैकल्पिक मांस आजमाने का आग्रह किया है. वह ताजा चिकन के लिए नए बाजारों की तलाश कर रहा है.

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दूसरे विकल्पों की तलाश

लेकिन यहां सड़क किनारे के स्टॉल से लेकर बड़े होटलों में बिकने वाले चिकन-चावल को लेकर लोग परेशान हैं. यहां के लोकप्रिय भोजनालय Tian Tian Hainanese ने कहा है कि वह दूसरे विकल्पों पर विचार कर रहा है. उसने कहा कि अगर नए सप्लायर्स नहीं मिलते तो यह जमे हुए चिकन के बजाए पोर्क और सी-फूड्स भोजन पेश करेगा. दरसल मलेशिया में चिकन-चावल डिश में आमतौर से मलेशिया का ही चिकन इस्तेमाल किया जाता है.

यूक्रेन युद्ध का भी असर

मलेशिया का प्रतिबंध दुनिया भर के देशों में बढ़ती खाद्य कीमतों की परिणाम है. यूक्रेन युद्ध के बाद फूड प्राइस में बढ़ोतरी देखी गई है. यूक्रेन कॉर्न और अनाज का एक प्रमुख निर्यातक है जिसका इस्तेमाल चिकन के खाने में किया जाता है. पिछले दिनों मलेशिया ने पाम ऑयल के एक्सपर्ट पर भी बैन लगा दिया था, जिसे बाद में हटा दिया गया. उसने खाद्य आपूर्ति को बढ़ावा देने और कीमतों पर लगाम लगाने के लिए चिकन और दूसरे खाद्य पदार्थों के आयात परमिट को भी खत्म कर दिया. भारत ने भी चीनी और गेहूं के निर्यात पर प्रतिबंधित लगा दिया है.