कुछ लोग मीठा खाने के बहुत शौकीन होते हैं. उन्‍हें कभी भी और किसी भी समय पर मीठा खिला दीजिए वो मना नहीं करेंगे. चूंकि मीठा खाने से डायबिटीज और मोटापे जैसी तमाम समस्‍याओं का रिस्‍क बढ़ता है, ये सोचकर अब लोगों ने नया तरीका निकाल लिया है. वे मीठे के तौर पर चीनी की जगह शुगर फ्री का इस्‍तेमाल करने लगे हैं, ताकि मीठे का शौक भी पूरा हो जाए और किसी तरह की समस्‍या भी न हो. ऐसे लोगों को हाल ही में World Health Organization (WHO) ने सावधान किया है. 

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WHO ने कहा है कि शुगर फ्री वाला मीठा खाने या चीनी की जगह किसी अन्‍य आर्टिफिशियल स्‍वीटनर का लंबे समय तक इस्‍तेमाल करने से भी सेहत को नुकसान पहुंचता है. इसके कारण दिल की बीमारियों का खतरा बढ़ता है, इसके अलावा मोटापा, टाइप-2 डायबिटीज और स्‍ट्रोक जैसी समस्‍याओं का रिस्‍क बढ़ता है. ऐसे में आपको ये तो समझ में आ गया होगा कि अगर आपको वाकई मीठे के कारण होने वाली तमाम समस्‍याओं से बचना है तो शुगर फ्री या कोई भी आर्टिफिशियल स्‍वीटनर उसका हल नहीं है. ऐसे में आपको क्‍या करना चाहिए और कैसे इस क्रेविंग को रोकना चाहिए, इस बारे में यहां जानिए नेचुरोपैथी विशेषज्ञ डॉ. रमाकान्‍त शर्मा से.

क्‍या कहना है एक्‍सपर्ट का

इस मामले में डॉ. रमाकान्‍त शर्मा का कहना है कि शरीर के लिए ग्‍लूकोज जरूरी है,  लेकिन अगर आप इसे जरूरत से ज्‍यादा किसी भी रूप में लेंगे, तो समस्‍या होना तय है. फिर चाहे आप ग्‍लूकोज को चीनी से बनी मिठाई के तौर लें या शुगर फ्री या किसी अन्‍य आर्टिफिशियल स्‍वीटनर से बनी चीजों को खाएं या फिर किसी अन्‍य तरह से लें, जरूरत से ज्‍यादा कोई भी चीज नुकसान करती है. 

जरूरत से ज्‍यादा ग्‍लूकोज सिर्फ डायबिटीज, हार्ट डिजीज और मोटापे का रिस्‍क ही नहीं बढ़ाता, बल्कि स्किन से जुड़ी तमाम समस्‍याएं, आंतों से जुड़ी परेशानियां, ब्रेन से जुड़ी समस्‍याएं, फैटी लिवर जैसी दिक्‍कतों की भी वजह बनता है. इन सभी समस्‍याओं से बचने के लिए सबसे पहले ये समझना जरूरी है कि आपको हर वक्‍त मीठा खाने का मन क्‍यों करता है? ताकि समस्‍या को समझकर इसका समाधान किया जा सके. 

क्‍यों होती है हर वक्‍त मीठे की क्रेविंग

अगर आपका मन हर वक्‍त मीठा खाने का करता है, तो इसके कई कारण हो सकते हैं. इनमें से एक बड़ी वजह आपके पाचन तंत्र से जुड़ी है. अगर आपका पाचन ठीक से नहीं होता है, तो मीठे की क्रेविंग बढ़ती है. इसके अलावा पेट में कीड़े होना, हार्मोनल असंतुलन, बहुत ज्‍यादा स्‍ट्रेस होने के कारण, बचपन से बहुत ज्‍यादा मीठा खाने की आदत आदि के कारण मीठे की क्रेविंग होती है. इसके अलावा जो लोग डायटिंग के चक्‍कर में भूखे रहते हैं, उनके शरीर में पोषक तत्‍वों की कमी से कमजोरी आने लगती है. ऐसे में मीठा खाने का मन करता है क्‍योंकि मीठे से शरीर को इंस्‍टेंट एनर्जी मिलती है. 

ऐसे करें इस आदत को कंट्रोल

अगर आपको अपनी सेहत को बेहतर रखना है तो इसका एक ही तरीका है कि मीठे की क्रेविंग वाली आदत को कंट्रोल करके रखें. इसके लिए कुछ तरीके आजमाए जा सकते हैं जैसे-

  • अगर आपका मीठा खाने का मन करता है, तो आप खजूर का इस्‍तेमाल करें. ये आपकी सेहत के लिए भी अच्‍छा है और क्रेविंग को भी दूर करेगा.
  • फल खाएं. फल नेचुरल शुगर से भरपूर हैं और इनसे आपके शरीर को भी पोषक तत्‍व मिलते हैं. इसके अलावा उन फलों को खाएं, जिनमें फ्रक्‍टोस की मात्रा ज्‍यादा हो. 
  • अगर आप घर पर हैं, तो क्रेविंग के समय पर आप एक कप दूध पी सकते हैं. ये क्रेविंग को दूर करने का काम करता है.
  • अगर घर में शुद्ध शहद है, तो आधा चम्‍मच शुद्ध शहद को खाकर भी इस क्रेविंग को दूर कर सकते हैं.
  • अगर आपके घर में कोई बच्‍चा है, तो बचपन से ही उसे कम मीठा खिलाने की आदत डलवाएं, ताकि ये उसकी प्रैक्टिस में रहे.

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