Surya Grahan 2022: आज यानी 25 अक्टूबर से सूतक काल लग चुका है. सूतक काल यानी किसी भी सूर्यग्रहण से 12 घंटे पहले का समय. दिवाली के ठीक एक दिन बाद देश के कई हिस्सों में आंशिक सूर्यग्रहण को देखा जा सकता है. देश में ये आंशिक सूर्यग्रहण शाम को 4.29 बजे शुरू होगा. इस दौरान अगर आप ये जानना चाहते हैं कि देश के किन-किन शहरों में कितने बजे से सूर्यग्रहण दिखना शुरू होगा, तो यहां जान सकते है. बता दें कि सूर्यग्रहण आंशिक हो या पूर्ण, इस दौरान शुभ काम करने से बचा जाता है और खाने का सामान खराब ना हो इसके लिए खाने के सामान पर तुलसी के पत्ते डाले जाते हैं ताकि रखा हुआ खाना सूर्यग्रहण की वजह से दूषित ना हो. 

आंशिक सूर्यग्रहण का क्या है मतलब

COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

सूर्यग्रहण तब होता है, जब चंद्रमा धरती और सूरज के बीच आ जाता है और इस दौरान सूर्यग्रहण होता है. सूर्यग्रहण से 12 घंटे पहले सूतक काल शुरू हो जाता है. सूतक काल (Sutak Kaal) के दौरान प्रकृति अत्याधिक संवेदनशील अवस्था में होती है. ऐसे में वातावरण में मौजूद चीजें नकारात्‍मक असर छोड़ती हैं. इसे दूषित काल माना जाता है.

सूतक काल शुरु होने से लेकर ग्रहण समाप्‍त होने तक के समय में खाने-पीने और खाना बनाने की मनाही होती है. द्रिक पंचांग के अनुसार, देश में 25 अक्टूबर को सुबह 3.16 बजे से शुरू हो जाएगा और 5.42 बजे खत्म हो जाएगा.

द्वारका से लेकर कोलकाता तक दिखेगा सूर्यग्रहण

25 अक्टूबर 2022 को देश में आंशिक सूर्यग्रहण लग रहा है. गुजरात के द्वारका में ये सबसे लंबे समय के लिए दिख रहा है और पश्चिम बंगाल के कोलकाता में सूर्यग्रहण सिर्फ 12 मिनट के लिए ही दिखाई देगा. इसके अलावा देश के कई हिस्सों में 1 घंटे से ज्यादा के लिए सूर्यग्रहण को देखा जा सकता है. 

इन शहरो में भी दिखाई देगा सूर्यग्रहण

दिल्ली, मुंबई, अहमदाबाद, सूरत, पुणे, जयपुर, इंदौर, ठाणे, भोपाल, लुधियाना, आगरा, चंडीगढ़, उज्जैन, मथुरा, पोरबंदर, गांधीनगर, सिलवासा और पणजी में ये आंशिक सूर्यग्रहण 1 घंटे से ज्यादा के लिए दिखाई देगा. इसके अलावा कुछ शहर ऐसे भी हैं, जहां सूर्यग्रहण नहीं दिखाई देगा. थिरूवनंतपुरम, पटना, मंगलुरु, कोयंबटूर, ऊटी, वाराणसी, ओजवाल, डिब्रूगढ़, इम्फाल, इटानगर, कोहिमा, सिल्चर, अंडमान और निकोबार में सूर्यग्रहण का कोई असर नहीं होगा. 

सूर्य ग्रहण के समय न करें ये लापरवाही

सूर्य ग्रहण को थोड़ी देर के लिए भी खाली आंखों से नहीं देखा जाना चाहिए. चंद्रमा सूर्य के अधिकतम हिस्सों को ढक दे तब भी इसे खाली आँखों से न देखें क्योंकि यह आँखों को स्थाई नुकसान पहुंचा सकता है जिससे अंधापन हो सकता है. सूर्य ग्रहण को देखने की सबसे सही तकनीक है ऐलुमिनी माइलर, काले पॉलिमर, 14 नं. शेड के झलाईदार कांच का उपयोग कर अथवा टेलेस्कोप के माध्यम से श्वेत पट पर सूर्य की छाया का प्रक्षेपण कर इसे देखना.