First Solar Eclipse 2024 Date and Time: साल 2024 का पहला सूर्य ग्रहण 8 अप्रैल सोमवार को लगने जा रहा है. ये पूर्ण सूर्य ग्रहण होगा. इसके एक दिन बाद चैत्र नवरात्रि (Chaitra Navratri 2024) की शुरुआत हो जाएगी. बता दें कि सूर्य ग्रहण तब लगता है जब पृथ्वी, चंद्रमा और सूर्य एक ही समय पर एक-दूसरे के बीच से गुजरते हैं. इस साल का सूर्य ग्रहण बेहद खास होने वाला है क्‍योंकि सूर्य ग्रहण के दौरान आसमान में अद्भुत नजारा भी दिखेगा. सूर्य ग्रहण से 12 घंटे पहले सूतक काल लग जाता है. आइए आपको बताते हैं सूर्य ग्रहण से जुड़ी खास जानकारी. 

क्‍यों खास होगा सूर्य ग्रहण?

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8 अप्रैल को लगने वाला सूर्य ग्रहण बेहद खास माना जा रहा है. चंद्रमा के सबसे नजदीक होने के चलते ये 50 सालों का सबसे लंबा पूर्ण सूर्य ग्रहण होगा. सूर्य ग्रहण के दौरान करीब 7.5 मिनट तक आसमान में अंधेरा छा जाएगा. इस बीच सूर्य नजर नहीं आएगा, सिर्फ उसका कोरोना दिखाई देगा. इस दौरान ग्रहण के क्षेत्र में मौजूद लोग पृथ्वी के करीब मौजूद बृहस्पति और शुक्र ग्रहों के साथ धूमकेतु को भी को सीधे देख सकेंगे. 

क्‍या है सूर्य ग्रहण की टाइमिंग

साल का पहला सूर्य ग्रहण भारतीय समय के अनुसार रात में करीब 09:12 पर शुरू होगा और ग्रहण का समापन रात 01:20 पर हो जाएगा. ये ग्रहण पश्चिमी यूरोप पेसिफिक, अटलांटिक, आर्कटिक मेक्सिको, उत्तरी अमेरिका, मध्य अमेरिका, दक्षिण अमेरिका के उत्तरी भाग, कनाडा, इंग्लैंड के उत्तर पश्चिम क्षेत्र और आयरलैंड में दिखाई देगा.

कितने बजे से लगेगा सूतक

साल का पहला सूर्य ग्रहण भारत में दिखाई नहीं देगा, इसलिए भारत में इसके नियम भी लागू नहीं होंगे. बता दें कि सूतक को नकारात्‍मक समय माना जाता है. इस समय में पूजा-पाठ करने से लेकर कई तरह के काम करने की मनाही होती है. 

क्‍या हैं सूतक के नियम?

  • सूतक काल से लेकर ग्रहण खत्‍म होने तक मंदिर में पूजा-पाठ करने और भगवान को स्‍पर्श करने की मनाही होती है. 
  • इस समय में प्रेगनेंट महिलाओं को कैंची, चाकू, मशीन, सुई वगैरह किसी भी तरह की नुकीली चीजों के इस्‍तेमाल पर पाबंदी होती है. 
  • प्रेगनेंट महिलाओं को ग्रहण से होने वाले तमाम नुकसान से बचाने के लिए पेट पर गेरू लगाने की सलाह दी जाती है.
  • सूतक काल शुरू होने से ग्रहण काल खत्‍म होने तक खाना बनाने और खाने के लिए मना किया जाता है. हालांकि बुजुर्ग और प्रेगनेंट महिलाओं पर खाने पीने को लेकर कोई मनाही नहीं होती.
  • सूतक काल शुरू होने से पहले ही खानपान की चीजों में तुलसी का पत्‍ता डालने की सलाह दी जाती है.

कितनी तरह का होता है सूर्य ग्रहण? 

आंशिक सूर्य ग्रहण: जब चंद्रमा, सूर्य और पृथ्वी के बीच से गुजरता है और जब सूर्य का कुछ यानी आंशिक हिस्सा चंद्रमा से ढंक जाता है तो उसे आंशिक सूर्य ग्रहण कहते हैं. इस बार का सूर्य ग्रहण आंशिक सूर्य ग्रहण है.

 

पूर्ण सूर्य ग्रहण:  जब चंद्रमा, सूर्य और पृथ्वी तीनों एक सीध में आ जाते हैं और इसके कारण पृथ्वी के एक भाग पर पूरी तरह से अंधेरा छा जाता है, तो इसे पूर्ण सूर्य ग्रहण कहा जाता है.

 

वलयाकार सूर्यग्रहण: जब ग्रहण के समय चंद्रमा सूर्य को इस प्रकार से ढंकता है, कि सूर्य का केवल मध्य भाग ही छाया क्षेत्र में आता है. ऐसे में सूर्य एक कंगन की तरह दिखाई देता है. इसे वलयाकार सूर्य ग्रहण कहा जाता है.