Raksha Bandhan Date: इस साल रक्षा बंधन पर भद्रा लगने के कारण इस‍की तिथि को लेकर लोगों में संशय है. कुछ लोग त्‍योहार 30 अगस्‍त को मना रहे हैं, तो कुछ लोग 31 अगस्‍त को. दरअसल 30 अगस्त को सावन की शुक्ल पूर्णिमा सुबह 10 बजकर 59 मिनट से लग जाएगी. लेकिन, पूर्णिमा तिथि और श्रावण नक्षत्र के साथ भद्रा काल की भी शुरुआत होगी. भद्रा काल 30 अगस्त को रात 9 बजकर 1 मिनट पर समाप्त होगा. इसके बाद शुभ मुहुर्त शुरू होगा.

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ऐसे में 30 अगस्‍त को त्‍योहार मनाने वाले सिर्फ रात 9 बजकर 1 मिनट के बाद ही राखी बांध सकते हैं या फिर 31 अगस्‍त की सुबह रक्षाबंधन मना सकते हैं क्योंकि, उदयातिथि की मान्यता सूर्यास्त तक रहती है इसलिए पूरे दिन रक्षाबंधन मनाया जा सकता है. ऐसे में कुछ जगहों पर 30 अगस्‍त और कुछ जगहों पर 31 अगस्‍त को रक्षा बंधन मनाया जा रहा है. आप जब चाहे इस त्‍योहार को मना रहे हों, लेकिन राखी बांधते समय पूरे विधि-विधान का पालन करें. 

इस तरह बांधें राखी

  • रक्षा बंधन के दिन भाई को राखी बांधने के समय तक बहनों को व्रत रखना चाहिए. इसके अलावा राखी बांधते समय भाई को सोफे या बेड पर बैठाने की बजाय लकड़ी के पाटे या चौकी पर बैठाए. 
  • बैठते समय भाई का मुख पूर्व दिशा की ओर और आपका पश्चिम दिशा की ओर होना चाहिए. 
  • राखी बांधते समय भाई की कलाई पर पहले दही से तिलक करें, इसके बाद रोली का तिलक करें और अक्षत लगाएं. 
  • इसके बाद उसके दाहिने हाथ की कलाई पर राखी बांधें और उसके लंबे और स्‍वस्‍थ जीवन की कामना करें. फिर मिठाई खिलाकर उसकी आरती उतारें. 
  • अगर हो सके तो राखी बांधते समय 'ॐ येन बद्धो बली राजा दानवेन्द्रो महाबल:, तेन त्वामपि प्रति बध्नामि रक्षे मा चल मा चल' मंत्र का जाप करें. इसे काफी शुभ माना जाता है.

क्‍या है रक्षा बंधन के त्‍योहार का महत्‍व

रक्षा बंधन का त्‍योहार भाई-बहन के मजबूत रिश्‍ते और उनके प्रेम का प्रतीक है. इस त्‍योहार पर बहनें जो राखी बांधती हैं, वो प्यार और सुरक्षा का प्रतीक है. इस राखी को बंधवाने के बाद भाई अपनी बहन को ये वचन देता है कि वो जीवनभर उसकी रक्षा करेगा. उसके सुख-दुख में साथ खड़ा होगा. इस तरह हर साल ये त्‍योहार भाई और बहनों के रिश्‍ते में मिठास भरने का काम करता है.

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