PIN Code System: आज के समय में सोशल मीडिया और इंटरनेट लोगों का काफी साथ दे रहा है. चाहें फिर बात मैसेज भेजने की हो या किसी का हाल चाल पूछने की. लेकिन आज भी इंटरनेट से अलग हटकर सरकारी काम डाक के माध्यम से होते हैं. देश में दुनिया का सबसे बड़ा नेटवर्क है और पूरे देश में लगभग 1.5 लाख से ज्यादा पोस्ट ऑफिस हैं. ऐसा समय हुआ करता था, जब लोग एक दूसरे को खत लिखा करते थे. भारतीय पोस्ट की हेल्प से ये खत एक जगह से दूसरी जगह तर जाया करता था. ऐसे में पोस्ट की मदद से चिट्ठी भेजने के लिए पिन की जरूरत पड़ती है. वहीं अगर हम कहीं भी अपना एड्रैस लिखते हैं, तो उसके साथ पिन कोड जरूर लिखते हैं. लेकिन क्या आप जानते हैं पिन कोड (PIN Code) क्या है और किस नंबर का क्या मतलब होता है. 

क्या है पिन कोड और किसने किया शुरू?

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पिन कोड की फुल फॉर्म है पोस्टल इंडेक्स नंबर (PIN). भारतीय पोस्ट में पिन कोड की शुरुआत आज से ठीक 50 साल पहले यानी 15 अगस्त यानी 1972 में हुई थी.   इसकी शुरुआत करने वाले एक भारतीय थे, जिनका नाम श्रीराम भीकाजी वेलणकर (Who is Shriram bhikaji velankar) था. 

पोस्ट ऑफिस में खोल पढ़े जाते थे खत

इस बात पर शायद आप यकीन न करें, कि पहले पोस्ट ऑफिस में जो भी खत आता था, उसे खोलकर पढ़ लिया जाता था. उसी के बाद उसे अलग-अलग खंड़ों में बांटकर आगे भेजा जाता था. लेकिन ये काम इतना कामयाब नहीं था, क्योंकि कई बार खत गलत पते पर पहुंच जाता था. इसी परेशानी का हल निकालते हुए श्रीराम भीकाजी एक हल लेकर आए, जो आज भी प्रासंगिक है. वेलणकर को पिन सिस्टम का जनक माना जाता है. 

कैसे काम करता है PIN Code सिस्टम

पिन कोड सिस्टम का इजात करने के लिए श्रीराम भीकाजी वेलणकर ने पूरे देश को 9 जोन में बांट दिया था. इनमें से एक जोन भारतीय सेना के लिए भी है. इस सभी जोन को अलग-अलग कोड दिए गए है. कोड का पहला अंक उस राज्य को दिखाता है, जहां खत भेजना है. एग्जांपल के तौर पर आप उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड ले सकते हैं, जो कि एक जोन में है, जिनका नंबर 2 है. इसका मतलब इन दोनों राज्यों के पिन की शुरुआत 2 से होगी. इसके बाद पिन कोड (PIN Code) का दूसरा अंक सब जोन को दर्शाता है. वहीं तीसरा अंक जिले को दर्शाता है. इसके बाद बचे 3 अंक पोस्ट ऑफिस को बताते हैं. इस तरह 6 अंको के पिन कोड को डिजाइन किया गया है.

राज्यों के PIN Code

  • दिल्ली-11
  • हरियाणा-12 और 13
  • पंजाब-14 से 16 तक
  • हिमाचल प्रदेश-17
  • जम्मू-कश्मीर-18 से 19 तक
  • उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड-20 से 28 तक
  • राजस्थान-30 से 34 तक
  • गुजरात-36 से 39 तक
  • महाराष्ट्र-40 से 44 तक
  • मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़-45 से 49 तक
  • आंध्र प्रदेश और तेलंगाना-50 से 53 तक
  • कर्नाटक-56 से 59 तक
  • तमिलनाडु-60 से 64 तक
  • केरल-67 से 69 तक
  • पश्चिम बंगाल-70 से 74 तक
  • ओडिशा-75 से 77 तक
  • असम-78
  • पूर्वोत्तर-79
  • बिहार और झारखंड-80 से 85 तक
  • सेना डाक सेवा (एपीएस)-90 से 99 तक