चांद पर अंतरिक्ष यात्रियों को उतारने की कोशिशों को बड़ा झटका लगा है. अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा ने मंगलवार को अपने चंद्रमा मिशन को स्थगित करने की घोषणा की है. इसके लिए अंतरिक्ष यात्रियों को अभी कुछ और सालों तक इंतजार करना होगा. बता दें कि NASA इसी साल के अंत तक चार अंतरिक्ष यात्रियों को चांद पर भेजने की तैयारी में जुटा था, लेकिन अब अंतरिक्ष यात्रियों को चंद्रमा तक उड़ान भरने के लिए कुछ और समय इंतजार करना होगा.

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इस मामले में मंगलवार को नासा के अधिकारियों ने कि आर्टेमिस III मिशन, अपोलो कार्यक्रम के बाद पहली बार चांद पर मनुष्यों को उतारने के महत्वपूर्ण मील के पत्थर तक पहुंचने की योजना बनाई थी. लेकिन तकनीकी खामी के कारण योजना को 2026 तक के लिए टाल दिया है.  

अपोलो मिशन के 50 वर्षों बाद चंद्रमा की सतह पर पहला अंतरिक्ष यान उतारने के लिए यूनाइटेड लॉन्च अलायंस के वल्कन रॉकेट से पेरेग्रीन लूनर लैंडर को सोमवार को फ्लोरिडा के केप कैनावेरल स्पेस फोर्स स्टेशन से लॉन्च किया गया था. लैंडर को सफलतापूर्वक लॉन्च वाहन से अलग कर दिया गया. लेकिन इसके कुछ घंटों  बाद ही तकनीकी खराबी की सूचना मिल गई. इसके बाद इसे बनाने वाली कंपनी एस्ट्रोबोटिक टेक्नोलॉजी ने कहा कि चंद्रमा पर सॉफ्ट लैंडिंग की कोई संभावना नहीं है. बता दें कि 50 वर्षों में यह अमेरिका का पहला चंद्रमा लैंडर है.

बता दें कि नासा अब आर्टेमिस II के लिए सितंबर 2025 को लक्ष्य बनाएगा, जो चंद्रमा के चारों ओर पहला मानवयुक्त आर्टेमिस मिशन है और आर्टेमिस III के लिए लक्ष्‍य सितंबर 2026 है, जिसमें चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव के पास पहले अंतरिक्ष यात्रियों को उतारने की योजना है. आर्टेमिस IV, गेटवे चंद्र अंतरिक्ष स्टेशन का पहला मिशन, 2028 तक ट्रैक पर रहेगा.