Makar Sankranti 2024: मकर संक्रांति का त्योहार पूरे देश में मनाया जाता है. हालांकि अलग अलग राज्यों में इसे अलग नाम और तरीके से मनाया जाता है. अमूमन 14 जनवरी को मनाए जाने वाले इस त्योहार को सर्दियों के अंत का प्रतीक माना जाता है. इस दिन से दिन बड़े होते जाते हैं और रातें छोटी. देशभर में इसे नई फसल की कटाई के त्योहार के रूप में भी मनाया जाता है. आइए जानते हैं, देशभर में कैसे अलग-अलग नामों से इस त्योहार को मनाया जाता है. 

मकर संक्रांति और खिचड़ी

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भारत के पंजाब, दिल्ली और हरियाणा राज्यों में इसे मकर संक्रांति के रूप में मनाया जाता है. इस दिन तिल, गुड़ और मूंगफली का महत्व होता है. उत्तर भारत में इसे मकर संक्रांति और खिचड़ी के नाम से भी मनाया जाता है. कुछ शहरों में मकर संक्रांति को खिचड़ी भी कहा जाता है. उत्तर भारत में इस दिन उड़द दाल और चावल की खिचड़ी खाई जाती है. इस दिन तिल, गुड़ और मूंगफली का महत्व होता है. स्नान के बाद लोग दान करते हैं और फिर घी के साथ खिचड़ी खाते हैं.

पोंगल

तमिलनाडु में मकर संक्रांति को पोंगल (Pongal) के रूप में मनाया जाता है. इसे पूरे 4 दिनों तक मनाया जाता है. जिसमें पहले दिन भोगी पोंगल, दूसरे दिन सूर्य पोंगल, तीसरे दिन मट्टू पोंगल और चौथे दिन कन्या पोंगल के तौर पर आयोजन होता है. पोंगल त्योहार पर लोग स्वादिष्ट मिठाई और चावल के व्यंजन बनाते हैं. चावल को दूध और गुड़ के साथ उबाला जाता है. 

उत्तरायण

गुजरात में लोग संक्रांति के त्योहार को उत्तरायण के रूप में मनात हैं. इस त्योहार के मौके पर गुजरात अपने 'काइट फेस्टिवल' के लिए पूरी दुनिया में प्रसिद्ध है. सुबह की प्रार्थना के बाद से लोग अपने-अपने छतों पर जाकर पतंग उड़ाते हैं. इस दौरान आपको हर जगह "काई पो छे" की आवाज सुनाई देगी. इसके अलावा, लोग सर्दियों की सब्जियों से बनी उंधियू के साथ तिल और मूंगफली से बनी चिक्की जैसे व्यंजन भी खाते हैं.

माघ साजी

हिमाचल प्रदेश में, स्थानीय लोग माघ साजी को मकर संक्रांति के रूप में मनाते हैं. साजी संक्रांति का स्थानीय नाम है और माघ महीने का नाम है. इस दिन, लोग पवित्र नदियों में स्नान करते हैं और भगवान का आशीर्वाद लेने के लिए मंदिरों में जाते हैं. इसके अलावा, वे अपने दोस्तों और परिवार के पास जाते हैं और उन्हें चिक्की या खिचड़ी और घी जैसी मिठाई उपहार में देते हैं. बिहार और नेपाल में इसे माघी पर्व या माघी संक्रांति भी कहा जाता है.

बिहू

बिहू पूर्वोत्तर राज्य का प्रमुख त्योहार है, विशेषकर असम में इसकी खास रौनक होती है. असम में इस दिन के साथ ही फसल की कटाई और शादी-ब्याह के शुभ मुहूर्त की शुरुआत हो जाती है. भोगाली बिहू(माघ बिहू) जनवरी महीने के मध्य में मनाया जाता है.