विटामिन बी12 आपके शरीर में कई तरह से मदद करता है, ये न सिर्फ आपके शरीर में DNA का निर्माण करता है बल्कि रेड ब्लड सेल्स के भी बनने में मदद करता है.  क्योंकि शरीर में विटामिन बी12 नैचुरली नहीं बनता इसलिए आपको एनिमल बेस्ड फूड या फिर सप्लीमेंट से ही इसे पूरा किया जाता है. और आपको ऐसा रेगुलर बेसिस पर करना चाहिए. B12 आपके शरीर में लीवर में कई सालों तक स्टोर होकर रह सकता है. लेकिन अगर आपकी डाइट शरीर में समय पर इसकी पूर्ति नहीं करती तो आपको इसकी डेफिशियेंसी भी हो सकती है.

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विटामिन बी12 डेफिशियेंसी के लक्षण 

1.    कमजोरी, थकान, सर भारी होना 

2.    सांस लेने में तकलीफ होना 

3.    स्किन का रंग फीका पड़ना 

4.    जीभ सेंसिटिव होना 

5.    कब्ज, दस्त, भूख कम होना या फिर गैस 

6.    नर्व से जुड़ी तकलीफ जैसे कि टिंगलिंग का एहसास 

7.    दिखाई देने में तकलीफ 

8.    मानसिक परेशानी जैसे कि डिप्रेशन, मेमोरी लॉस और व्यवहारिक बदलाव.

क्या है इलाज 

अगर आपक एनीमिया है या फिर विटामिन बी12 शरीर अब्सोर्ब करने में तकलीफ है तो ऐसी कंडीशन में विटामिन के शॉट्स भी दिए जाते हैं. या फिर माउथ सप्लीमेंट भी आपको लेने पड़ सकते हैं. अगर आप एनिमल प्रोडक्ट्स नहीं लेते हैं तो आपको अपनी डाइट में विटामिन-बी12 से भरपूर खाने को जोड़ना चाहिए. ध्यान रखें लंबे समय तक अगर आप इसका इलाज नहीं करते हैं तो शरीर में नर्व डैमेज जैसी तकलीफों का सामना भी करना पड़ सकता है इसलिए समय रहते डॉक्टर से सलाह जरूर लें. 

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बचाव 

ज्यादातर लोग सिर्फ ठीक तरह से भोजन में बी12 सप्लीमेंट शामिल कर इस कमी को पूरा कर सकते हैं. जैसे कि मीट, सीफूड, डेरी प्रोडक्ट्स और अंडे. अगर आपको मेडिकल कंडीशन है जिसके चलते आपका शरीर ठीक तरह से विटामिन बी12 ग्रहण नहीं कर पाता है तो आप मल्टीविटामिन टैबलेट के रूप में भी इसे ले सकते हैं. लेकिन ध्यान रखें जब भी आप मल्टी विटामिन सप्लीमेंट लेना शुरू करें अपने डॉक्टर की सलाह जरूर लें, क्योंकि शरीर में बहुत अधिक मात्रा में भी मल्टीविटामिन नहीं जाना चाहिए. आपके शरीर के हिसाब से डॉक्टर आपको ये सही मात्र पहचानने में मदद करते हैं.