कर्नाटक में काउंटडाउन शुरू हो गया है. 10 मई को कुल विधानसभा सीटों 224 में एक ही चरण में वोटिंग की जाएगी. चुनाव को लेकर सरगर्मी तेज हो गई है. मुख्‍य मुकाबला बीजेपी और कांग्रेस के बीच माना जा रहा है. सत्‍ता में आने के लिए दोनों पार्टियों ने अपनी पूरी ताकत झोंक दी है. 13 मई को ये स्‍पष्‍ट हो जाएगा कि इस बार कर्नाटक में किस पार्टी की सत्‍ता होगी. वोटिंग से पहले आइए एक नजर डालते हैं इस राज्‍य के राजनीति के दिलचस्‍प इतिहास पर.

23वें मुख्‍यमंत्री हैं बसवराज बोम्मई

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देश की आजाद होने से लेकर आज तक कर्नाटक को कुल 23 मुख्‍यमंत्री मिले हैं और अब तक छह बार राष्ट्रपति शासन लग चुका है. कर्नाटक के मौजूदा सीएम बसवराज बोम्मई 23वें मुख्‍यमंत्री हैं. पहले मुख्यमंत्री के. चेंगलराय रेड्डी थे. वो कांग्रेस पार्टी के नेता थे और  25 अक्टूबर 1947 से 30 मार्च 1952 तक सीएम रहे. उस समय कर्नाटक को मैसूर राज्‍य के नाम से जाना जाता था. राष्‍ट्रपति शासन की बात करें तो इस राज्‍य में पहली बार 19 मार्च 1971 और आखिरी बार 20 नवंबर 2007 को राष्ट्रपति शासन लगा था.

इन 4 ने पूरा किया है कार्यकाल

आपको जानकर हैरानी होगी कि कर्नाटक में आज तक सिर्फ 4 मुख्‍यमंत्री ही अपना कार्यकाल पूरा कर पाए हैं.

कर्नाटक में अपना कार्यकाल पूरा करने वाले मुख्‍यमंत्री में एस निंजलिगप्पा, देवराज उर्स, रामकृष्ण हेगड़े और सिद्दरमैया हैं. एस निंजलिगप्पा का कार्यकाल 21 जून 1962 से 29 मई 1968 तक रहा. देवराज उर्स 20 मार्च 1972 से लेकर 31 दिसंबर 1977 कर्नाटक के सीएम रहे. रामकृष्ण हेगड़े का कार्यकाल 10 जनवरी 1983 से लेकर 13 अगस्‍त 1988 तक रहा है. 5 साल का कार्यकाल पूरा करने वाले आखिरी मुख्‍यमंत्री सिद्दरमैया थे, जो 13 मई 2013 से 17 मई 2018 तक कर्नाटक के मुख्‍यमंत्री रहे.

2018 के बाद बदले कई सीएम

2018 में इस राज्‍य में हुए चुनावों में बीजेपी ने काफी अच्‍छा प्रदर्शन किया था और 104 सीटों के साथ सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी थी. उस समय येदियुरप्पा ने सरकार तो बनाई लेकिन बहुमत नहीं जुटा पाए, इस कारण विश्वास मत पर वोटिंग से पहले ही येदियुरप्पा को इस्तीफा देना पड़ा. येदियुरप्पा के इस्तीफे के बाद कांग्रेस और जेडीएस ने गठबंधन सरकार बनाई और कुमारस्वामी कर्नाटक के मुख्यमंत्री बने. हालांकि ये सरकार भी लंबे समय तक नहीं टिक पाई. 

14 महीने तक सरकार चलाने के बाद कुमारस्वामी को 23 जुलाई 2019 को विश्वास मत में हार के बाद इस्तीफा देना पड़ा. इसके बाद बीएस येदियुरप्पा फिर से कर्नाटक के सीएम बने, लेकिन अपने कार्यकाल की दूसरी वर्षगांठ पर 26 जुलाई 2021 को उन्‍होंने इस्‍तीफा दे दिया. 27 जुलाई 2021 को बोम्मई इस पद के लिए चुने गए. उन्होंने अगले दिन कर्नाटक के 23वें मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली, जो राज्य में भारतीय जनता पार्टी के चौथे मुख्यमंत्री और राज्‍य के 23वें मुख्‍यमंत्री बने.

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