Javed Akhtar Birthday: जावेद अख्तर बॉलीवुड इंडस्ट्री के जानें-मानें शख्सियत हैं. हिंदी फिल्म जगत में स्क्रीन राइटर और लिरिस्ट के तौर पर उन्होंने एक अलग जगह बनाई है. आज जावेद अख्तर अपना 78वां जन्मदिन मना रहे हैं. सलीम खान और उनकी जोड़ी इंडस्ट्री की सुपरहिट जोड़ियों में से एक है. इसके साथ ही वो अपने गानों से ही नहीं बल्कि अपने बयानों से भी चर्चा में बने रहते हैं. आइए जानते हैं उनका राइटर, मुंबई में कदम से लेकर पॉलिटिक्स तक का सफर. 

27 रुपए के साथ किया था मुंबई का सफर तय

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जावेद अख्तर की जर्नी का खुलासा शबाना आजमी ने एक ट्वीट के जरिए किया था. 17 जनवरी 1945 में ग्वालियर में जन्में जावेद अख्तर का संघर्ष आसान नहीं रहा है. एक ट्वीट में शबाना आजमी ने जावेद साहब के बारे में बात करते हुए बताया था कि 19 साल की कम उम्र में वह 27 रुपए लेकर मुंबई सेंट्रल रेलवे स्टेशन पर उतरे थे.

आंखों में बड़े सपने लिए जावेद साहब ने कभी भी जिंदगी में हार नहीं मानी. चार दिनों तक वह बिना खाना खाए रहे थे. हालांकि बॉलीवुड में संघर्ष के बाद उनकी किस्मत जागी और उन्होंने सलीम खान के साथ मिलकर शोले जैसी सुपरहिट फिल्म दी. साल 1975 में रिलीज हुई फिल्म के लिए पहली बार फिल्म के लेखकों को करोड़ों में फीस मिली थी.

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जावेद को अब तक मिले 5 राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार

जावेद, हिंदी सिनेमा में अपने काम के लिए पहचाने जाते हैं. जावेद अख्तर अब तक 5 राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार, 1999  में पद्मश्री (Pdmashree) और 2007 में पद्मभूषण (Padmabhushan), भारत के दो सर्वोच्च नागरिक सम्मान जीते हैं. 

गीतकार के लिए फिल्मफेयर पुरस्कार किया हासिल

स्क्रीन राइटर लेखक के रूप में जावेद अख्तर को 1973 की फिल्म जंजीर के लिए सफलता मिली. इस फिल्म में सलीम-जावेद के नाम से खूब प्रशंसा प्राप्त की. उन्होंने साल 1975 में रिलीज हुई दीवार और शोले जैसी फिल्में भी लिखीं, जिनमें से बाद में गीतकार के रूप में उनके काम के लिए उनकी प्रशंसा हुई. उन्होंने 5 बार सर्वश्रेष्ठ गीत के लिए राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार और 8 बार सर्वश्रेष्ठ गीतकार के लिए फिल्मफेयर पुरस्कार जीता. 

विवादित बयानों को लेकर सुर्खियों में रहे जावेद

जावेद ने जबसे पॉलिटिक्स में कदम रखा है, वो अपने विवादित बयानों को लेकर सुर्खियों में रहे हैं. कंगना रनौत को निशाने पर लेने से लेकर तालिबान पर अपनी बात रखने तक कई बार जावेद अख्तर चर्चा में रहे हैं. उन्होंने हाल ही में विवादों में घिरी फिल्म पठान के गाने बेशरम रंक पर भी अपनी बात रखी. उन्होंने कहा कि गाना सही है या गलत इसका फैसला करना मेरा या आपका नहीं है. हमारे पास एजेंसी है, सरकार द्वारा विभाग है, सरकार और समाज के सभी वर्गों के लोग हैं, जो फिल्म देखेंगे और तय करेंगे कि क्या पास होगा और क्या नहीं.