Easter Sunday 2023:  ईस्टर का त्योहार गुड फ्राइडे के तीसरे दिन मनाया जाता है. ईसाई धर्म के लोग ईसा मसीह के पुनर्जन्म की खुशी में ये त्योहार सेलिब्रेट करते हैं. ऐसी मान्यताएं हैं कि प्रभु यीशु गुड फ्राइडे के तीसरे दिन पुनर्जीवित हुए थे. इसी घटना को ईस्टर संडे के नाम से जाना जाता है. ईसाई धर्म से जुड़े लोग गुड फ्राइडे के दिन (Good friday 2023) प्रभु यीशु को याद करते हैं. इस दिन इस समुदाय के लोग अपने गलतियों के लिए माफी मांगते हैं. गुड फ्राइडे को वह शोक दिवस के रूप में मनाते हैं.  इस मौके पर विशेष प्रार्थनाएं आयोजित की जाती हैं, गीत गाए जाते हैं, बाइबल का पाठ किया जाता है और लोग चर्च जाते हैं. इस दिन लोग पाम के पत्तों का उपयोग करते हैं. आइए जानते हैं गुड फ्राइडे से जुड़ी बातें.

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Easter Sunday 2023: गुड फ्राइडे को लेकर क्या है मान्यता  

गुड फ्राइडे को लेकर कई कहानियां है. ऐसा मान्यता भी है कि प्रभु यीशु प्रेम और शांति के मसीहा थे. दुनिया को प्रेम और करुणा का संदेश देने वाले प्रभु यीशु को धार्मिक कट्टरपंथी ने सूली पर चढ़ा दिया था. जब प्रभु यीशु को शूली पर चढ़ाया गया तो उनके अनुयाई निराशा हो गए. हालांकि इसके तीन दिन बाद संडे के दिन वे जीवित हो उठे. इसके बाद उनके अनुयाइयों ने काफी खुशी मनाई.. तब से ईसाई धर्म में ये पर्व हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है.

Easter Sunday 2023: कैसे मनाया जाता है ईस्टर संडे?

ईस्टर संडे के दिन ईसाई धर्म को मानने वाले लोग चर्च में जाते हैं और प्रभु यीशु को याद करते हैं. उनकी याद में चर्च यानी चर्च में मोमबत्तियां जलाई जाती हैं.  लोग बाइबिल पढ़ते हैं और प्रभु यीशु के जीवित होने की खुशी में एक दूसरे को बधाई देते हैं.

Easter Sunday 2023: ईस्टर पर अंडों का महत्व

ईसाई धर्म के लोग अंडे को नया जीवन और उमंग का प्रतीक मानते हैं. ईस्टर पर अंडों का विशेष महत्व होता है. इस दिन लोग अलग-अलग तरह से अंडों को सजाते हैं. इसके साथ ही एक-दूसरे को अंडे गिफ्ट में भी देते हैं.

ईस्टर संडे की ऐतिहासिक कथा

धार्मिक ग्रंथों में कहा गया है कि जब प्रभु यीशु को शूली पर चढ़ाया गया तो उनके अनुयायियों में निराशा की लहर दौड़ गई. इसके तीन दिन बाद संडे के दिन वें कब्र से जीवित हो उठें. प्रभु यीशु के शोक संतप्त अनुयायी अपने घरों में प्रभु यीशु को स्मरण कर रहे थे. तभी उनके पास एक महिला आई और बोली-प्रभु जीवित हो उठें हैं. यह सुन अनुयायियों में ख़ुशी की लहर दौड़ गई. उन्होंने महिला से विस्तार में सब कुछ बताने को कहा. इसके बाद उस महिला ने कहा-जब वह प्रार्थना करने कब्र पर गई तो देखा कि कब्र का पत्थर अपने स्थान पर नहीं हैं और प्रभु का पार्थिव शरीर कब्र में मौजूद नहीं था. उस समय कब्र से देवदूत प्रकट होकर बोले-तुम प्रभु की प्रार्थना करने यहां आई हो. जबकि प्रभु तो जीवित हो उठें हैं. उन्हें कब्र में नहीं अपने आस-पास ढूंढो, वे वहीं मिलेंगे. इसके बाद देवदूत गायब हो गए. यह सुन वह रोने लगी तभी प्रभु प्रकट होकर बोले-मत रो, मैं जीवित हो उठा हूं. जाओ सबसे कह दो कि परम पिता परमेश्वर के संतान पुन धरती पर आ गए हैं. यह कहकर प्रभु अदृश्य हो गए. इस दिन से हर साल गुड फ्राइडे के तीन दिन बाद ईस्टर मनाया जाता है. प्रभु यीशु का स्वर्ग प्रस्थान ऐसा कहा जाता है कि प्रभु यीशु जीवित होने के बाद 40 दिनों तक धरती पर रहे और इसके बाद पुनः स्वर्ग लोक को लौट गए. इस दरम्यान उन्होंने अपने शिष्यों को ज्ञान के उपदेश दिए और उन्हें धर्म, कर्म, शांति एवं मानवता का पाठ पढ़ाया.