हर साल 25 मार्च को अर्थ आवर डे (Earth Hour Day) के तौर पर मनाया जाता है. इस कार्यक्रम का आयोजन वर्ल्ड वाइड फंड फॉर नेचर (World Wide Fund for Nature/World Wide Fund) की ओर से हर साल  मार्च महीने के आखिरी शनिवार को किया जाता है. दुनिया में लोगों को प्रकृति और जलवायु परिवर्तन के प्रति जागरुक करने के उद्देश्‍य से हर साल ये दिन सेलि‍ब्रेट किया जाता है. जानिए Earth Hour Day से जुड़ी खास बातें.

जानें क्‍या है Earth Hour 

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Earth Hour वर्ल्ड वाइड फंड फॉर नेचर संस्‍था की ओर से दुनियाभर में मनाया जाने वाला एक वार्षिक कार्यक्रम है. इसके तहत दुनियाभर के लोग एक घंटे के लिए बिजली की खपत को बंद कर देते हैं. हर साल करोड़ों की संख्‍या में लोग इस कार्यक्रम का हिस्‍सा बनते हैं. कार्यक्रम की शुरुआत रात 08:30 बजे होगी. अगर आप भी इस कार्यक्रम का हिस्‍सा बनना चाहते हैं तो रात 8.30 से 9.30 बजे के बीच स्वेच्छा से अपने घरों और कार्यस्थलों की गैरजरूरी लाइट्स व बिजली उपकरणों को बंद रख सकते हैं.

आवर डे का मकसद

आवर डे को मनाने के पीछे WWF संस्था का उद्देश्य प्रकृति के नुकसान का रोकना और मानव जाति के भविष्य को बेहतर बनाना है. Earth Hour के जरिए दुनियाभर के लोगों को हर दिन प्रकृति को पहुंचने वाले नुकसान को लेकर जागरुक किया जाता है और इसे रोकने के प्रयासों करने के लिए प्रेरि‍त किया जाता है. हर साल इस दिन एक घंटे तक लाइट बंद करने का असर लोगों पर लंबे समय तक होता है. पिछले साल सिर्फ एक घंटे तक लाइट बंद करके दिल्‍ली के लोगों ने 171 मेगावॉट बिजली बचाई.

172 देश मिलकर मनाते हैं आवर डे

अर्थ आवर को पहली बार 31 मार्च, 2007 को सिडनी, ऑस्ट्रेलिया में मनाया गया था. धीरे-धीरे इस अभियान में अन्‍य देशों का भी सहयोग मिल गया और ये दुनिया का बहुत बड़ा अभियान बन गया. हर वर्ष मार्च महीने के हर अंतिम शनिवार को पूरे विश्व में एक घंटे के लिए अर्थ आवर (Earth Hour) मनाया जाता है और बिजली के सारे बल्बों को बंद कर दिया जाता है. आज इसे भारत समेत 172 देशों का समर्थन मिल रहा है.

 

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