सर्वाइकल कैंसर महिलाओं में होने वाला सेकंड मोस्‍ट कॉमन कैंसर माना जाता है. भारत में महिलाओं में होने वाले कैंसर में 29 फीसदी मामले सर्वाइकल कैंसर के होते हैं. ये बीमारी बहुत ही खामोशी से शरीर पर वार करती है. इसके लक्षण भी बेहद कॉमन होते हैं, इसलिए अधिकतर मामलों में महिलाओं को बीमारी का पता बहुत देर से चल पाता है. 

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महिलाओं में होने वाली इस खतरनाक बीमारी को पूरी तरह खत्‍म करने के लिए अब सरकार भी तैयारी कर रही है. हाल ही बजट 2024 में वित्‍त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 'नारी शक्ति' के तहत सर्वाइकल कैंसर के खिलाफ 9 से 14 साल की लड़कियों के लिए वैक्‍सीनेशन की बात कही है. टीकाकरण के लिए नया U-WIN प्लेटफॉर्म तैयार करके मिशन इंद्रधनुष के जरिए अभियान में लाई जाएगी. बड़े पैमाने पर होने वाला यह टीकाकरण अभियान सर्वाइकल कैंसर को पूरी तरह खत्म करने की शुरुआत है. आइए आपको बताते हैं सर्वाइकल कैंसर से जुड़ी जरूरी बातें.

सर्वाइकल कैंसर क्यों खतरनाक?

इंटरनेशनल एजेंसी फॉर रिसर्च ऑन कैंसर की रिपोर्ट के अनुसार भारत में हर साल करीब 1.30 लाख मामले सर्वाइकल कैंसर के डिटेक्ट होते हैं और हर साल करीब 74 हजार महिलाओं को इसके कारण जान गवांनी पड़ी है.सर्वाइकल कैंसर को ह्यूमन पेपिलोमा वायरस भी कहते हैं. यौन संबंधों के कारण शरीर के अंदर पहुंचता है. बार-बार संक्रमित होने से सर्वाइकल कैंसर का रूप ले लेता है. हालांकि सर्वाइकल कैंसर फैलने में 15-20 साल लगते हैं. जिन महिलाओं की प्रतिरोधक क्षमता कमजोर होती है, उनमें ये जल्‍दी फैलता है.

क्‍या है सर्वाइकल कैंसर की वजह

जयपुर के एसएमएस हॉस्पिटल के स्‍टेट कैंसर इंस्‍टीट्यूट के मेडिकल सुप्रिटेंडेंट (BMT) और PHOD मेडिकल ऑकोलॉजी, डॉ. संदीप जसूजा बताते हैं क‍ि सर्वाइकल कैंसर के 80 से 90 फीसदी मामलों में ह्यूमन पैपिलोमा वायरस (HPV) के 16 और 18 स्‍ट्रेन को जिम्‍मेदार माना जाता है.  HPV एक आम यौन रोग है, जो प्राइवेट पार्ट में मस्‍से के रूप में नजर आता है और धीरे-धीरे ये सर्वाइकल सेल्‍स को कैंसर सेल्‍स में बदल देता है. HPV सबसे कॉमन सेक्‍शुअली ट्रांसमिटेड डिजीज है. इस कारण ज्‍यादातर महिलाओं में ये समस्‍या पुरुषों से ट्रांसफर होती है. ज्‍यादातर पुरुष  HPV स्‍ट्रेन पॉजिटिव होते हैं.

सर्वाइकल कैंसर के लक्षण

- पीरियड खत्म होने के बाद भी ब्लड आना

- यौन संबंध बनाने के बाद ब्लड आना

- बार-बार वजाइनल इन्फेक्शन होना

- बार-बार यूरिन इन्फेक्शन होना

- जलन होना, सफेद पानी आना

सर्वाइकल कैंसर के गंभीर लक्षण

- लगातार कमर दर्द

- पैरों या पेल्विक में दर्द

- वजन कम होना

- थकान और भूख ना लगना

- बदबूदार सफेद पानी आना

- पैरों में सूजन

- हड्डियों में दर्द होना

9 से 14 साल में क्‍यों लगती है वैक्‍सीन

सर्वाइकल कैंसर वैक्सीन तभी कारगर होती है, जब सेक्शुअली एक्टिव होने से पहले ये वैक्सीन लगवाई जाए. इसलिए वैक्‍सीनेशन के लिए सबसे सही उम्र 9-14 साल मानी जाती है. वैक्‍सीन से इसके रिस्‍क को काफी हद तक कम किया जा सकता है.