Financial Tips for kids on Basant Panchmi 2024: आज बसंत पंचमी का त्‍योहार मनाया जा रहा है. इस दिन को माता सरस्‍वती के प्राकट्य दिवस के तौर पर मनाया जाता है. माता सरस्‍वती को ज्ञान और संगीत की देवी माना जाता है. इस कारण आज सरस्‍वती पूजा के दिन पढ़ाई-लिखाई और संगीत के क्षेत्र से जुड़े तमाम लोग अपने घरों में कॉपी-किताबों और वाद्य यंत्रों की पूजा करते हैं. इसके अलावा तमाम पैरेंट्स इसी दिन से अपने बच्‍चों को पढ़ाई की शुरुआत करवाते हैं. पेंसिल पकड़कर उन्‍हें लिखना सिखाते हैं. 

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मान्‍यता है कि आज के दिन ऐसा करने से बच्‍चों पर सदैव माता सरस्‍वती की कृपा बनी रहती है और उनकी बुद्धि कुशाग्र रहती है. लेकिन अगर आपके बच्‍चे थोड़े बड़े हो रहे हैं, तो अब उनमें जीवन से जुड़ी तमाम चीजों की सूझ-बूझ भी विकसित करनी होगी. इसलिए सरस्‍वती पूजा के दिन पैरेंट्स बच्‍चों को धन की अहमियत और उन्‍हें फिजूल खर्च से बचने के तरीके भी जरूर सिखाएं ताकि मां सरस्‍वती के साथ माता लक्ष्‍मी की कृपा भी उन पर बनी रहे.

सेविंग्‍स करना सिखाएं

पैरेंट्स आज के दिन अपने बच्‍चों को सेविंग्‍स करने की सीख दें. अगर बच्‍चे छोटे हैं तो वे आज उन बच्‍चों के साथ जाकर घर में एक गुल्‍लक लेकर आएं और सरस्‍वती पूजा के बाद बच्‍चों से उसमें कुछ पैसे डलवाएं. अगर बच्‍चे आपसे किसी चीज की डिमांड कर रहे हैं, तो उन्‍हें प्रोत्‍साहित करें कि वे अपनी पॉकेट मनी में से पैसे बचाकर इसमें डालें. जितनी जल्‍दी पैसे जमा होंगे, उतनी जल्‍दी उनका काम होगा. इस तरह बच्‍चों को आसानी से सेविंग्‍स की अहमियत समझाएं कि कैसे पैसा बचाने से आपकी तमाम जरूरतें और ख्‍वाहिशें भविष्‍य में पूरी की जा सकती हैं. आप जितनी छोटी उम्र से बच्‍चों को सेविंग करने की आदत डलवा देंगे, उनके भविष्‍य के लिए उतना ही अच्‍छा है. आप बच्‍चों को बताएं कि जितने पैसों को वो महंगे खिलौनों और तमाम शौक के लिए खर्च करते हैं, अगर वो इससे पढ़ाई से जुड़ी कोई चीज खरीदें या अपनी शिक्षा पर खर्च करें तो उनकी शिक्षा कैसे उनके भविष्‍य को उज्‍जवल बनाएगी. इससे बच्‍चे पैसों की फिजूल खर्ची से बचेंगे और धन की अहमियत को समझेंगे. 

बच्‍चों का बैंक अकाउंट खुलवाएं

आपका बच्‍चा अगर थोड़ा समझदार है, तो आप उसे बैंक के कामकाज के बारे में बताएं और कैसे बैंक में तमाम स्‍कीम्‍स के जरिए पैसों को बढ़ाया जा सकता है, ये बातें बैठकर समझाएं. इससे बच्‍चे का इंटरेस्‍ट बढ़ेगा, ये सब उसके लिए नया होगा. इसके बाद आप बच्‍चों के लिए उनका सेविंग अकाउंट खुलवाएं और हर महीने बच्‍चे की पॉकेट मनी में से थोड़े पैसे उनके अकाउंट में जमा करवाएं. इससे बच्‍चों को सेविंग की आदत बनेगी और जब पैसा ब्‍याज के साथ इकट्ठा होकर ज्‍यादा आएगा तो उन्‍हें अच्‍छा भी लगेगा और वो बचत करना सीखेंगे. इस पैसे को आप उनकी ही किसी जरूरत को पूरा करें. इससे बच्‍चों को महसूस होगा कि कैसे छोटी-छोटी बचत करके बड़े-बड़े काम किए जा सकते हैं.

बच्‍चों को तुलना करने से रोकें

आज के समय में बच्‍चे एक-दूसरे को देखकर पैरेंट्स से महंगे खिलौनों और तमाम चीजों को पूरा करने की जिद करते हैं. आप बच्‍चों को उदाहरण देकर समझाएं कि इस मामले में आपस में तुलना करना क्‍यों ठीक नहीं है. हर किसी को उतने ही पैसे खर्च करने चाहिए जिससे कि उनका बजट न बिगड़े और खर्च भी उन चीजों पर करना चाहिए जो उनके लिए उपयोगी हों. इसके लिए आप बच्‍चों को बजट का महत्‍व बताएं और उन्‍हें भी इनकम के हिसाब से बजट तैयार करने के तरीके सिखाएं. इसके अलावा बच्‍चों को कौन सी चीज उपयोगी है और कौन सी फालतू, इसका फर्क करना सिखाएं.

इस बात का रहे खयाल

बच्‍चे निश्‍छल होते हैं, इसलिए उन्‍हें बचपन से आप जैसी शिक्षा देंगे, वे वैसे ही बनेंगे. इसके अलावा सिर्फ सीख देने से काम नहीं होगा, आपको भी बच्‍चों के सामने अपने काम के जरिए उदाहरण पेश करने होंगे क्‍योंकि बच्‍चे सबसे ज्‍यादा देखकर सीखते हैं. माता-पिता का असर उन पर सबसे ज्‍यादा होता है क्‍योंकि वे सबसे ज्‍यादा उन्‍हीं के करीब रहते हैं.