विवादों में घिरी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग (Video conferencing) सुविधा देने वाली कंपनी जूम (ZOOM) ने कहा कि वह गृह मंत्रालय (Home Ministry) से बातचीत कर रही है और वह मंत्रालय को सभी आवश्यक सूचनाएं मुहैया कराएगी. पीटीआई की खबर के मुताबिक, गृह मंत्रालय ने सुरक्षा जोखिम का हवाला देते हुए अधिकारियों को जूम की सेवाओं का इस्तेमाल नहीं करने का सुझाव दिया है. जूम ने इसी के मद्देनजर यह जानकारी दी.

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जूम वीडियो कम्यूनिकेशंस के भारतीय ऑपरेशन के प्रमुख समीर राजे ने कहा कि जूम गृह मंत्रालय के साथ बातचीत कर रही है. कंपनी मंत्रालय को नीतियों का निर्धारण करने में अपेक्षित जानकारियां मुहैया कराने पर ध्यान दे रही है.

राजे ने कहा कि विश्व की सबसे बड़ी वित्तीय सेवा प्रदाता कंपनियों से लेकर दूरसंचार सेवा प्रदाता कंपनियों तक कई सारे वैश्विक संस्थानों ने, सरकारी और गैर-सरकारी एजेंसियों ने कंपनी के यूजर्स, नेटवर्क और डेटा केंद्रों की विभिन्न सुरक्षा मानकों पर समीक्षा की है. यह सभी अभी भी व्यापक पैमाने पर जूम का उपयोग कर रहे हैं.

जूम घर से काम करते हुए डिजिटल तरीके से मीटिंग करने का लोकप्रिय माध्यम बनता जा रहा है. पिछले साल दिसंबर तक करीब एक करोड़ लोग जूम का इस्तेमाल कर रहे थे. इस साल मार्च में इनकी संख्या बढ़कर 20 करोड़ पर पहुंच गयी. भारत में भी लॉकडाउन के लागू होने के बाद जूम की लोकप्रियता तेजी से बढ़ी हैं. हालांकि जूम के प्लेटफॉर्म की सुरक्षा को लेकर सवाल भी उठ रहे हैं. भारत सरकार ने जूम की सेवाओं को लेकर सतर्कता परामर्श जारी किया है.

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राजे ने कहा कि जूम यूजर्स की निजता, सुरक्षा और उनके भरोसे को गंभीरता से लेती है. उन्होंने कहा, ‘‘जूम मूल रूप से औद्योगिक इस्तेमाल के लिये बना है. चूंकि वीडियो संवाद के माध्यम लोकप्रिय हो रहे हैं, ऐसे में यह हमारी जिम्मेदारी है कि हम जहां भी मदद कर सकते हैं, मदद करें. कोविड-19 महामारी के दौरान हम यह सुनिश्चित करने के लिये लगातार काम कर रहे हैं कि विश्वविद्यालय, स्कूल और अन्य संगठन जुड़े रह सके तथा उनका परिचालन जारी रहे. उन्होंने कहा कि जूम पारदर्शी बने रहने के लिये प्रतिबद्ध है.