Virtual Class: महामारी के इस दौर में स्कूल नहीं जा पा रहे स्टूडेंट्स  के लिए वर्चुअल स्कूलिंग शुरू की जाएगी. देश भर में वर्चुअल स्कूलिंग को लेकर यह अपनी तरह की पहली कोशिश है. इसमें 9वीं से 12वीं क्लास तक के छात्रों के पास स्कूलिंग चुनने का ऑप्शन होगा. इसकी खास बात यह है कि इसके जरिए लगने वाली क्लास एक्टिविटी बेस्ड होंगी. साथ ही इसमें टेक्स्ट बुक का पूरा सिलेबस भी होगा. मंगलवार (24 अगस्त, 2021) को केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने वर्चुअल स्कूल के बारे में जानकारी शेयर की.

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कहीं से भी ज्वाइन कर सकते हैं स्कूल

इस दौरान उन्होंने बताया कि वर्चुअल स्कूलिंग का यह मसौदा और पूरा कार्यक्रम नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ ओपन स्कूलिंग यानी NIOS द्वारा तैयार किया गया है. इस प्रोग्राम के तहत क्लास 9 से लेकर 12 वीं तक के छात्रों के लिए स्कूलिंग का विकल्प दिया जाएगा. ये छात्र देश भर में कहीं से भी ये स्कूल ज्वाइन कर सकते हैं. इसकी खास बात यह है कि इसमें शुरू से लेकर आखिर तक सब कुछ वर्चुअली अवेलबल होगा. इसमें लगने वाली क्लास के साथ-साथ सभी दूसरी एक्टिविटी भी. यह एक्टिविटी बेस क्लास टेक्स्ट बुक पर आधारित होंगी. और तो और छात्रों का एसेसमेंट और रिजल्ट भी वर्चुअली ही जारी किया जाएगा. 

अपनी तरह की पहली कोशिश

शिक्षा मंत्रालय का कहना है कि इस स्कूल के जरिए यह कोशिश की जाएगी कि इस माध्यम के दौरान सब कुछ वैसा ही रहे जैसा कि किसी सामान्य क्लास रूम में होता है. इन क्लास की एक खास बात यह भी कि इनमें स्टूडेंट्स और टीचर्स के बीच लाइव इंटरेक्शन भी स्थापित किया जाएगा. शिक्षा मंत्रालय का कहना है कि यह देश भर में अपनी तरह का पहला प्रयास है.

केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने इस दौरान केंद्रीय सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री वीरेंद्र कुमार के साथ नेशनल एजुकेशन पॉलिसी से जुड़ी एक बुकलेट भी लॉन्च की. केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय ने नई शिक्षा नीति से जुड़ी यह विशेष बुकलेट तैयार की है. इसे मंगलवार को लॉन्च किया गया. इसमें शिक्षा नीति के तहत किए गए 52 विभिन्न महत्वपूर्ण काम हैं. इनमें छात्रों का करिकुलम, प्लानिंग, टीचर एजुकेशन, सर्विस में मौजूद शिक्षकों की ट्रेनिंग आदि शामिल हैं.

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