मद्रास हाई कोर्ट द्वारा प्रतिबंध हटाये जाने के बाद चीन के वीडियो साझा करने वाले ऐप टिकटॉक (TikTok) ने कहा है कि वह अपने 12 करोड़ भारतीय उपयोगकर्ताओं के सुरक्षा फीचर को और मजबूत करने को लेकर प्रतिबद्ध है. मद्रास हाई कोर्ट की मदुरै पीठ ने इस शर्त के साथ ऐप पर लगाये गए प्रतिबंध को हटा लिया कि इस मंच पर बच्चों और महिलाओं से जुड़े अश्लील वीडियो नहीं होने चाहिए. मद्रास हाई कोर्ट के बुधवार के आदेश का स्वागत करते हुए टिकटॉक ने एक बयान में कहा, 'हम इस फैसले से खुश हैं. हमारा मानना है कि हमारे भारतीय उपयोगकर्ता ने भी इसका जोरदार स्वागत किया है, जो टिकटॉक का इस्तेमाल अपनी रचनात्मकता दिखाने के लिए करते हैं.'

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उसने कहा कि ऐप के दुरुपयोग के खिलाफ कंपनी के प्रयासों को मान्यता मिली है. एपल और गूगल को यह जानने के लिए ईमेल किया गया है कि उन्हें टिकटॉक एप को अपने ऐप स्टोर पर उपलब्ध कराने में कितना समय लगेगा. लेकिन उनकी तरफ से अब तक कोई सूचना नहीं मिली है. टिकटॉक की मूल कंपनी बाइटडांस ने कहा है कि वह अब भी भारतीय बाजार को लेकर 'बहुत आशावान' है क्योंकि अगले तीन साल में उसकी योजना देश में एक अरब डॉलर के निवेश की है.

इससे पहले मद्रास उच्च न्यायालय ने इस ऐप के जरिए अश्लील एवं अनुचित सामग्री परोसे जाने का हवाला देते हुए केंद्र सरकार को ‘टिक-टॉक’ ऐप पर प्रतिबंध लगाने का निर्देश दिया था. टिक-टॉप ऐप पर अश्लील सामग्री को बढ़ावा देने और समाज में हिंसा फैलाने वाले विडियो पोस्ट किए जाने का आरोप लगाते हुए मद्रास हाईकोर्ट में एक जनहित याचिका दायर की गई थी. कोर्ट ने मामले की सुनवाई करते हुए केंद्र सरकार को इस ऐप पर प्रतिबंध लगाने के आदेश दिए थे. हालांकि टिकटॉक ने इस फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में अपील की. सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई करते हुए मद्रास हाईकोर्ट को 24 अप्रैल तक कोई फैसला लेने के निर्देश दिया है.