टाटा टेलीसर्विसेज ने भारती एयरटेल के साथ विलय को दूरसंचार विभाग की मंजूरी मिलने से पहले करीब 15 सर्किलों में आवंटन से मिले अपने स्पेक्ट्रम बिना नीलामी के सरकार को सौंपने का प्रस्ताव दिया है. एक अधिकारी ने इसकी जानकारी दी है. आठ सौ मेगाहर्ट्ज बैंड के स्पेक्ट्रम को 4जी सेवाओं में इस्तेमाल किया जा सकता है. लेकिन 15-16 सर्किलों के टाटा टेलीसर्विसेज के ये स्पेक्ट्रम 2जी सेवाओं में भी इस्तेमाल किये जा सकते हैं.

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मौजूदा नियमों के अनुसार, इसी कारण इन्हें एयरटेल को हस्तांतरित नहीं किया जा सकता है. अधिकारी ने कहा, ‘‘एयरटेल और टाटा टेलीसर्विसेज ने दूरसंचार विभाग के साथ एक बैठक में 2.5 मेगाहर्ट्ज स्पेक्ट्रम सरकार को सौंपने का प्रस्ताव दिया है. सभी सर्किलों में 800 मेगाहर्ट्ज बैंड के ये स्पेक्ट्रम टाटा टेलीसर्विसेज को मिले थे.’’ 

एयरटेल को हस्तांतरित करने के लिये टाटा टेली सर्विसेज को इन स्पेक्ट्रम का भुगतान मौजूदा बाजार दर पर करना पड़ता. हालांकि सूत्रों के अनुसार कर्ज के बोझ के कारण टाटा टेलीसर्विसेज और भारती एयरटेल दोनों स्पेक्ट्रम की मौजूदा बाजार दर पर भुगतान करने में अक्षम थे.

टाटा टेलीसर्विसेज के पास 19 सर्किलों में 800 मेगाहर्ट्ज, 1800 मेगाहर्ट्ज और 2100 मेगाहर्ट्ज बैंड में कुल 178 मेगाहर्ट्ज स्पेक्ट्रम हैं. हालांकि यह स्पष्ट नहीं है कि 800 मेगाहर्ट्ज बैंड में उसके पास कितने स्पेक्ट्रम हैं. टाटा टेलीसर्विसेज बिना भुगतान के महज 71.3 मेगाहर्ट्ज् स्पेक्ट्रम ही एयरटेल को दे सकती है. दोनों कंपनियों ने अक्टूबर 2017 में विलय की घोषणा की थी.

(इनपुट एजेंसी से)