फोन में दिए गए ब्लूटूथ फीटर को  ईयरबड्स, TWS और  स्मार्टवॉच को पेयरिंग करने के लिए दिया जाता है. लेकिन कई बार लोग इसे खुला ही छोड़ देते हैं जिससे ये यूजर्स के लिए खतरनाक साबित हो सकता है. क्योंकि हैकर्स Blue Bugging के जरिए आपके फोन को हैक कर सकते हैं. हैकर्स आपके ब्लूटूथ को सर्च करके उस मोबाइल को हैक कर लेते हैं और बैंक डिटेल के साथ कई जरूरी इंफॉर्मेशन का गलत इस्तेमाल कर सकते हैं. बता दें कि ब्लू बगिंग के जरिए हैकर्स स्पाई एप्स तक इंस्टॉल कर सकते हैं जिससे फोन को हैक करना और आसान हो जाता है. चलिए जान लेते हैं क्या होती है ब्लू बगिंग और इससे कैसे बचा जा सकता है.

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Blue Bugging क्या है ?

ब्लू बगिंग एक तरह का हैकिंग टर्म है, हैकर्स इसके जरिए डिवाइस को एक्सेस करके फोन के कंटेंट को भी एक्सेस कर लेते हैं जिसमें आपके बैंक अकाउंट डिटेल शामिल होती हैं. बता दें कि ब्लू बगिंग के जरिए हैकर यूजर के फोन में मैलवेयर को इंस्टॉल कर देते हैं और अपने फोन से यूजर के फोन को कनेक्ट कर लेते हैं. ऐसे में यूजर को पता भी नहीं चलता की फोन किसी और डिवाइस से कनेक्ट है. एक बार हैकर आपके फोन को कंट्रोल करने में सक्षम हो गए तो  कॉल रिकॉर्ड करने से लेकर स्क्रीन तक की रिकॉर्डिंग तक सब कंट्रोल कर सकता है. 

ऐसे करें बचाव 

अगर ब्लू बगिंग से बचना है तो यूजर इस बात का खास ख्याल रखें की किसी भी अनजान डिवाइस से कनेक्शन पेयरिंग रिक्वेस्ट को एक्सेप्ट न करें. कई बार बिना पेयरिंग रिक्वेस्ट दिखे ही फोन से कनेक्शन बन जाता है, इसलिए अगर यूज ना हो तो ब्लूटूथ ऑफ रखें.  

पहले पेयर किए गए डिवाइस को अनपेयर करके हटा दें और ब्लूटूथ सेटिंग्स में जा कर ऑटो ज्वाइन ऑप्शन भी बंद कर दें.

ब्लूटूथ कनेक्शन के लिए स्ट्रांग पासवर्ड बनाएं, सिंपल पासवर्ड रखने से हैकर्स को आसानी हो सकती है.    

डिवाइस के सॉफ्टवेयर को अपडेट रखें और  VPN (Virtual Private Network) का इस्तेमाल करें.

पब्लिक प्लेस में अगर आप ब्लूटूथ का इस्तेमाल नहीं कर रहे हैं तो उसे ऑफ करके रखें. 

ब्लूटूथ से डाउनलोड फाइल को चेक करते रहें

फोन में ब्लूटूथ के जरिए फोन में आने वाले एप्स या डेटा एक लोकेशन पर आकर सेव होते हैं, ऐसे में फाइल मैनेजर या फोन की मेमोरी में जाकर उस डेटा को चेक कर सकते हैं, संदिग्ध पाए जाने पर उसे तुरंत डिलीट कर सकते हैं.