आज के समय में स्‍मार्ट फोन ज्‍यादातर सभी लोग इस्‍तेमाल करते हैं. ये आज के समय की जरूरत बन चुका है. लेकिन हर चीज के कुछ फायदे होते हैं, तो कुछ नुकसान भी होते हैं. मोबाइल फोन के साथ भी ऐसा ही है. मोबाइल से निकलने वाला रेडिएशन सेहत के लिए बहुत हानिकारक माना जाता है. हम में से ज्‍यादातर लोग जब मोबाइल खरीदते हैं, तो उसके तमाम फीचर्स तो देखते हैं, लेकिन कभी भी इस बात पर गौर नहीं करते कि मोबाइल कितना रेडिएशन फैला रहा है. 

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यूएस के फेडरल कम्यूनिकेशन्स कमीशन (FCC) ने SAR लेवल तय किया है. SAR वैल्यू स्मार्टफोन से ट्रांसमिट होने वाली रेडियो फ्रीक्वेंसी होती है. अगर SAR वैल्यू तय लिमिट से ज्‍यादा हो तो आपकी सेहत के लिए काफी नुकसानदायक हो सकती है. आप किसी भी मोबाइल की SAR वैल्यू को एक नंबर डायल करके आसानी से पता कर सकते हैं. यहां जानिए इसके बारे में.

कितना होना चाहिए  SAR लेवल

आमतौर पर स्मार्टफोन कंपनियां SAR रेटिंग को बॉक्स के साथ आने वाले यूजर मैनुअल में ही लिखकर दे देती हैं, लेकिन लोग इस पर जल्‍दी ध्‍यान नहीं देते. नियम के हिसाब से किसी भी डिवाइस का SAR लेवल 1.6 W/Kg से ज्यादा नहीं होना चाहिए. अबकी बार जब आप किसी नए फोन को खरीदने का प्‍लान बनाएं तो इसकी लिमिट को मैनुअल में जरूर देख लें.

मोबाइल में इस नंबर से चेक करें  SAR लेवल

आप जो फोन यूज कर रहे हैं, उसका मैनुअल आपसे मिस हो गया है, तो आप एक नंबर डायल करके अपने मोबाइल का  SAR लेवल चेक कर सकते हैं. नंबर है  '*#07#'.  जैसे ही आप इस नंबर को मोबाइल से डायल करेंगे, आपका स्‍मार्टफोन ऑटोमैटिकली  SAR लेवल को शो कर देगा.  1.6 W/Kg से ज्यादा है, तो समझिए कि आपको अपना मोबाइल तुरंत बदलने की जरूरत है.

रेडिएशन से बढ़ता इन बीमारियों का रिस्‍क

इस मामले में डॉ. रमाकान्‍त शर्मा बताते हैं कि रेडिएशन शरीर के लिए काफी हानिकारक होता है. इसके कारण दिमाग और दिल दोनों पर बुरा असर पड़ता है. दिल की धड़कन अनियमित हो सकती है और दिमाग की याद्दाश्‍त प्रभावित होती है. ये फर्टिलिटी पर भी बुरा असर डालती है. कैंसर, ऑर्थराइटिस, अल्जाइमर और हार्ट डिजीज का रिस्‍क बढ़ाती है. इसलिए अगर आपके मोबाइल का SAR लेवल तय मानक के हिसाब से भी है, तो भी आपको मोबाइल का सीमित इस्‍तेमाल ही करना चाहिए. लगातार मोबाइल का इस्‍तेमाल आपके जीवन के लिए नुकसानदायक हो सकता है.