Google New Policy: गूगल ने हाल ही में अपनी पॉलिसी में बदलाव किया है. अगर आप उन यूजर्स में से एक हैं, जो कॉल रिकॉर्डिंग ऐप्स का इस्तेमाल करते हैं, तो आपके लिए एक जरूरी अपडेट है. 11 मई से एंड्रॉयड फोन यूजर्स कॉल रिकॉर्डिंग ऐप्स का इस्तेमाल नहीं पाएंगे. दरअसल 11 मई से गूगल प्ले स्टोर की नई पॉलिसी शुरू हो जाएगी. हालांकि जन यूजर्स के फोन में इन-बिल्ट कॉल रिकॉर्डिंग ऐप है, वो उन्हें इस्तेमाल कर सकते हैं. आइए जानते हैं पूरा मामला. 

11 मई से लागू होगी नई पॉलिसी

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XDA Developers की रिपोर्ट के अनुसार, नई पॉलिसी का बदलाव 11 मई को जाएगा. गूगल की पहल है कि वो अपने प्ले स्टोर से थर्ड पार्टी कॉल रिकॉर्डिंग ऐप्स पर रोक लगाने जा रहा है. बैन होने के बाद यूजर्स इन फर्जी ऐप्स का इस्तेमाल नहीं कर पाएंगे. 

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गूगल को है यूजर्स की प्राइवेसी और सेफ्टी का ख्याल

गूगल सबसे पहले उन API's को रिमूव करेगा, जो एंड्रॉइड वर्जन में कॉल रिकॉर्डिंग को एनेबल करता है. कंपनी का यह फैसला यूजर्स की प्राइवेसी और सिक्योरिटी को मद्देनजर रखते हुए लिया गया है. गूगल का कहना है कि कॉल रिकॉर्डिंग यूजर्स की निजता का हनन है और उनकी सुरक्षा के लिए इस तरह के कदम को उठाया जा रहा है. 

थर्ड पार्टी ऐप्स के लिए है नई पॉलिसी

दरअसल गूगल की नई पॉलिसी केवल थर्ड पॉर्टी ऐप्स तक की ही सीमित है. अगर यूजर्स के फोन से पहले ही इन-बिल्ट कॉल रिकॉर्डिंग ऐप्स शामिल है, तो वो बिना संदेह किए कॉल रिकॉर्ड कर सकते हैं. बता दें सैमसंग, ओप्पो, शाओमी और वनप्लस जैसे तमाम स्मार्टफोन्स यूजर्स को पहले से ही कॉल रिकॉर्डिंग ऐप्स इन-बिल्ट करके देते हैं.  

इससे पहले भी बंद हो चुकी हैं Call Recording ऐप्स

बता दें, ऐसा पहली बार नहीं हुआ कि कॉल रिकॉर्डिंग ऐप्स बैन कर दी गई हों. इससे पहले भी एंड्रॉइड 10 के साथ गूगल ने कॉल रिकॉर्डिंग को बाय-डिफॉल्ट ब्लॉक कर दिया था. हालांकि, एंड्रॉइड 10 के बाद वाले नए वर्जन में फिर से कॉल रिकॉर्डिंग फीचर को लेकर आया गया. एंड्रॉइड के अलावा, एप्पल फोन में कॉल रिकॉर्डिंग फीचर मिलता ही नहीं है.