क्या आपको 'बेबी फेस' ऐप याद है, वही ऐप जो आपकी शक्ल को बच्चे जैसी बना देता था. सोशल मीडिया पर इस ऐप ने खूब धूम मचाई थी, लेकिन बच्चा दिखने के बाद अब लोगों में बूढ़ा दिखने की होड़ मची है. जिसे देखो सोशल मीडिया पर अपनी बूढ़ी तस्वीर पोस्ट कर रहा है. आपको बूढ़ा दिखाने वाले इस ऐप का नाम है 'फेस ऐप'. यहां तक तो सब ठीक है लेकिन इस ऐप पर संगीन आरोप लग रहे हैं. फेस ऐप पर इल्जाम है कि ये आपकी मर्जी के बगैर आपकी तस्वीरों को इस्तेमाल कर सकता है.

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ऐप की प्राइवेसी पॉलिसी में कहा गया है-

कंपनी यूजर डेटा बिना उनके इजाजत के नहीं बेचेगी. 

कंपनी बिना मंजूरी यूजर डेटा रेंट पर भी नहीं देगी.

फेस ऐप के ग्रुप की कंपनियों को डेटा दिया जा सकता है.

ऐसा इसलिए क्योंकि यूजर ने ऐप को इंस्टॉल किया है.

इंस्टॉल करने के साथ ही यूजर ने ऐसा करने की मंजूरी दी है.

कंपनी थर्ड पार्टी एडवरटाइजिंग पार्टनर्स को जानकारियां दे सकती है. 

कूकीज डेटा शामिल होने की वजह से कंपनी ऐसा कर सकती है.सोशल मीडिया पर लोगों ने फेस ऐप पर आरोपों की झड़ी लगी दी है, जोकि कि कंपनी की प्राइवेसी पॉलिसी को देखते हुए सही भी लगते हैं. लोग आरोप लगा रहे हैं कि फोन में ऐप को गैलरी का परमिशन नहीं दिया गया है. परमिशन न होने पर भी ऐप में गैलरी के फोटो दिख रहे हैं. हो सकता है ऐप इन फोटो को अपने सरवर पर अपलोड कर रहा हो.

 

अपनी प्राइवेसी पॉलिसी की वजह से सुर्खियों में रहने वाला फेस ऐप, आपकी फोटो को एडिट करने के लिए न्युट्रल नेटवर्क का इस्तेमाल करता है, जो एक तरह का आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस है. इसके जरिए ऐप आपके बालों के रंग को बदलने से लेकर चेहरे पर झुर्रियों को दिखाता है. जिससे आपको ये लगता है कि आप बूढ़े होने पर ऐसे दिखेंगे.

खास बात ये है कि सिर्फ एंड्रायड फोन पर ही इसे 10 करोड़ से ज्यादा लोगों ने डाउनलोड किया है. ऐसे में सवाल उठता है कि जब कंपनियां डेटा स्टोरेज को एक नई करेंसी के रूप में देख रही हैं, तो इस तरह के ऐप्स आपके लिए कितने सुरक्षित हैं. और क्या आपको इन्हें डाउनलोड करना चहिए या नहीं.