कोरोना वायरस का संक्रमण (Coronavirus Outbreak) बहुत तेजी से होता है. रोगियों की जांच और इलाज कर रहे कई डॉक्टर और नर्स भी कोविड-19 की चपेट में आ चुके हैं. इस समस्या से निपटने के लिए एक ऐसा कियोस्क तैयार किया गया है जिसकी मदद से किसी रोगी (Covid-19 patients) को छूए बिना ही जांच के लिए उसके बलगम या खून के नमूने लिए जा सकते हैं. 

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केरल (Kerala) के एर्नाकुलम (Ernakulam) जिले में कोविड-19 संक्रमण की जांच के लिए बड़े पैमाने पर सैंपल लेने के लिए वॉक-इन सैंपल कियोस्क (Kiosk-WISK) लगाए हैं. ये कियोस्‍क साउथ कोरिया की तकनीक के आधार पर बनाए गए हैं.

यह कियोस्क एक चलता-फिरता ऐसा क्‍यूबिकल (Walk in Sample Kiosk) है जिसे शीशे से कवर किया गया है. इसमें लैब टैक्निशियन के लिए दो गोले बनाकर उसमें दस्‍ताने लगाए गए हैं. कियोस्क में बैठा स्‍वास्‍थ्‍यकर्मी बाहर खड़े लोगों के थूक या लार के सैंपल ले सकता है. सैंपल इकट्ठा (Sample collection) करने के बाद दस्‍तानों को बाहर से ही सैनिटाइज किया जा सकता है.

 

इस सिस्टम से निजी सुरक्षा उपकरण (पीपीई किट) की जरूरत में कमी आई है. इस कियोस्क से स्वास्थ्यकर्मी के साथ रोगी की भी हिफाजत करते हुए बड़े पैमाने सैंपल इकट्ठे किए जा सकते हैं.

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एर्नाकुलम मेडिकल कॉलेज में दो कियोस्‍क लगाए हैं. जिला प्रशासन के अनुसार, ये कियोस्‍क देश में अपनी तरह की अनूठी पहल है. 

ऐसे काम करता है ये कियोस्क

हेल्थ कर्मचारी शीशे से कवर इस कियोस्क के अंदर बैठता है. वहां वह ग्लव्स पहनता है और फिर कियोस्क पर लगे दस्तानों के अंदर अपने हाथ डालता है. बाहर कुर्सी पर बैठा मरीज स्वैब कलेक्शन के लिए अपना मुंह खोलता है. हेल्थ कर्चमारी दस्ताने पहने हाथों से ही सैंपल इकट्ठा करता है.

दक्षिण कोरिया की तकनीक

वॉक इन सैंपल कियोस्क दक्षिण कोरिया की तकनीक है. दक्षिण कोरिया ने इस तरह की तकनीकों से ही कोरोना वायरस महामारी को काबू करने में सफलता हासिल की है.