कोरोना वायरस संक्रमण (Coronavirus Outbreak) का खतरा लगातार बढ़ता ही जा रहा है. इस संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए पूरे देश में लॉकडाउन (Lockdown) है, फिर भी इसके मरीजों (Covid-19 Patient) की तादाद रोजाना बढ़ रही है. कोविड-19 से सुरक्षा के लिए हम वैसे तो तमाम एहतियात बरत रहे हैं, फिर भी यह वायरस कब किसे अपनी चपेट में ले ले, कुछ कहा नहीं जा सकता है.

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इस वायरस के खतरे को भांपने के लिए केंद्र सरकार ने एक मोबाइल ऐप तैयार किया है जो हमें समय-समय पर इस महामारी के खतरों के बारे अलर्ट करता रहेगा और बताएगा कि हम इससे सुरक्षित हैं या नहीं.

आरोग्य सेतु (Aarogya Setu App) नाम से इस ऐप को अपने फोन में डाउनलोड करने की खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी अपील की है. खास बात ये है कि ऐप लॉन्च होने के कुछ ही दिन के भीतर इस 1 करोड़ से ज्यादा लोग डाउनलोड कर चुके हैं. 

भारतीय जनता पार्टी के 40वें स्थापना दिवस पर वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए पार्टी कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सभी कार्यकर्ताओं से आरोग्य सेतु ऐप को अपने-अपने फोनों डाउनलोड करने की आपील की और कहा कि एक कार्यकर्ता अपने आसपास 40 लोगों को भी इस ऐप को डाउनलोड करवाएं और उसमें दी गई सभी जानकारियों को अपलोड करे. 

उन्होंने कहा कि कोरोना को मात देने में सामुहिक भागीदारी में यह ऐप एक बड़ी भूमिका अदा कर सकता है. 

आरोग्य सेतु ऐप ब्लूटूथ और जीपीएस से चलता है. सरकार का दावा है कि यह ऐप कोविड-19 संक्रमण के प्रसार, जोखिम और बचाव एवं उपचार के लिए लोगों तक सही और सटीक जानकारी देने का काम करेगा. यह ऐप ब्लूटूथ और आर्टिफीशियल इंटेलिजेंस के ज़रिये यूजर्स को संक्रमण या अन्य लोगों के साथ संपर्क में आने की जानकारी देता है. यह ऐप वायरस से बचाव के लिए बुनियादी सावधानी बरतने के टिप्स भी बताता है.

आरोग्य सेतु ऐप हिंदी, अंग्रेसी समेत 11 भारतीय भाषाओं में उपलब्ध है. इसे डाउनलोड करने के बाद अपना मोबाइल नंबर रजिस्टर करना होता है. एक ओटीपी के माध्यम से यह वेरिफाई हो जाता है. इस ऐप में यूजर्स को अपने में बारे में कुछ जानकारी जैसे- नाम, उम्र, पेशा और पिछले एक महीने में की गई विदेश यात्रा आदि के बारे में भरना होता है. 

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पूरी जानकारी के बाद यह ऐप आपको ट्रेक करके बताएगा कि आप कोरोना संक्रमण के किसी क्षेत्र में हैं या नहीं हैं.

यदि आप जोखिम या उच्च जोखिम वाले क्षेत्र में हैं, तो एप आपको जांच कराने जाने के लिए लैब में जाने के लिए टोल-फ्री नंबर 1075 पर कॉल करने के लिए सुझाव देगा. यदि आपकी जांच में वायरस के लक्षण पाए जाते हैं तो ऐप पका डाटा को सरकार के साथ साझा करेगा.

सरकार का दावा है कि इस ऐप में दी गईं सभी जानकारी पूरी तरह से गोपनीय और सुरक्षित हैं. इन जानकारियों को किसी तीसरे व्यक्तिक को साझा नहीं किया जा सकता है.