Indian Stock Market: इस साल की बात करें तो 2021 में भारतीय शेयर बाजार में करीब 31 फीसदी की तेजी रही है. घरेलू बाजार इस साल का बेस्ट परफॉर्मिग एशियन मार्केट रहा है. लेकिन अब बाजार का वैल्युएशन ज्यादा दिख रहा है. ग्लोबल इन्वेस्टमेंट बैंक और फाइनेंशियल सर्विसेज फर्म गोल्डमैन सैक्स का भी मानना है कि भारतीय शेयर बाजार हाई वैल्युएशन पर ट्रेड कर रहा है, इसलिए फाइनेंशियल सर्विसेज कंपनी ने इंडियन इक्विटी को डाउनग्रेड ​किया है. गोल्डमैन सैक्स का मानना है कि भारतीय बाजार में अगले 3 से 6 महीने कंसोलिडेशन देखने को मिल सकता है. 

इस साल क्यों रही तेजी

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गोल्डमैन सैक्स का कहना है कि इस साल अबतक भारतीय बाजार में शानदार रैली रही. अल्ट्रा ईजी मोनेटरी पॉलिसी, वैक्सीनेशन में स्पीड तेज होने और इकोनॉमी के रीओपनिंग से बाजार को सपोर्ट मिला है. एशियाई बाजारों में इंडियन इक्विटी मार्केट ने आउटपरफॉर्म किया है. गोल्डमैन सैक्स ने पिछले साल नवंबर में जब इंडियन इक्विटी को अपग्रेड किया था, तबसे अबतक बाजार में 44 फीसदी की तेजी आ चुकी है.

रिस्क रिवॉर्ड रेश्यो फेवरेबल नहीं

गोल्डमैन सैक्स का कहना है कि करंट लेवल पर देखें तो इंडियन इक्विटीज का रिस्क रिवॉर्ड रेश्यो फेवरेबल नहीं है. जबकि हम अगले साल मजबूत साइक्लिक और प्रॉफिट रिकवरी की उम्मीद करते हैं और इंडेक्स में बढ़ते डिजिटलाइजेशन के बाद भी मिड टर्म के लिए ​रचनात्मक बने रहते हैं, ऐसा लगता है कि वर्तमान में पीक वैल्यूएशन पर रिकवरी वेल प्राइस्ड है. यहां से आगे मुनाफा वसूली देखने काक मिल सकती है. गोल्डमैन सैक्स का कहना है कि इंडियन इक्विटी बाजार 12 महीने के फॉरवर्ड पीई वैल्यूएशन के 23 गुना के करीब कारोबार कर रहा है, जो एशिया प्रशांत पूर्व-जापान क्षेत्र के रिकॉर्ड 60 फीसदी प्रीमियम पर है.

2022 और 2023 में अच्छी रहेगी ग्रोथ

गोल्डमैन सैक्स का कहना है कि मैक्रो लेवल पर देखें तो अगले साल GDP में मजबूत ग्रोथ रहने का अनुमन है. ग्रोथ 8 फीसदी से बढ़कर 9.1 फीसदी रह सकती है. ऐसे में 2022 में बाजार में  24 फीसदी और 2023 में 15 फीसदी ग्रोथ रहने का अनुमान है. % in 2023. 

अगले 3 से 6 महीने कंसोलिडेशन

गोल्डमैन सैक्स का कहना है कि साल कई कंपनियां IPO लाने की कतार में हैं. इससे सेकंडरी मार्केट से पैसा डाइवर्ट होकर प्राइमरी मार्केट में जाएगा. गोल्डमैन सैक्स का कहना है कि भारतीय बाजार में अगले 3-6 महीनों में कंसोलिडेशन देखा जा सकता है और ब्रॉडर मार्केट का प्रदर्शन कमजोर रहने का अनुमान है. हालांकि इस दौरान बैंक, कमोडिटी, रियल एस्टेट और इंफ्रा सेक्टर में पैसे बन सकते हैं. हालांकि निवेशकों को इंट्रा-मार्केट अवसरों पर ध्यान केंद्रित करने की सलाह है.