Wealth Creation: मार्च 2020 में कोरोना ने दस्तक दी और बाजार में कोहराम मच गया. 24 मार्च 2020 को बाजार ने बॉटम बनाया और निफ्टी 7500 अंकों तक फिसल गया. इस चौबीस तारीख को पूरे तीन साल पूर हो जाएंगे. जिन निवेशकों का नजरिया लंबा था, उन्होंने आज से तीन साल पहले एक साहसिक फैसला लिया और महज तीन सालों में वेल्थ क्रिएशन कर लिया. जी बिजनेस इस अवसर पर वेल्थ क्रिएशन वीक मना रहा है. इस स्पेशल कार्यक्रम में जी बिजनेस के मैनेजिंग एडिटर अनिल सिंघवी ने बातचीत की हेलियल कैपिटल के फाउंडर समीर अरोड़ा से. आइए एक्सपर्ट से जानते हैं कि कम समय में वेल्थ कैसे बनाया जाए.

इक्विटी का रिटर्न सबसे शानदार

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एक्सपर्ट ने बातचीत में कहा कि लंबी अवधि में इक्विटी ने निवेश के किसी भी दूसरे साधनों के मुकाबले बेहतर रिटर्न दिया है. अगर पर हर दशक का डेटा निकालेंगे तो पाएंगे कि इक्विटी में किया गया निवेश एफडी, सरकारी सिक्यॉरिटीज, डेट स्कीम्स समेत तमाम तरह के अन्य स्कीम्स के मुकाबले बेहतर रिटर्न दिया है. इसलिए इक्विटी में निवेश लंबी अवधि के लिए करें. अगर बाजार में गिरावट आती है तो उसे अपने लिए मौके के रूप में देखें.

बाजार के करेक्शन को मौके के रूप में देखें

समीर अरोड़ा ने कहा कि इक्विटी का रिटर्न ग्लोबली इसी तरह से शानदार रहा है. ऐसे में निवेशकों को सबसे पहले बाजार पर भरोसा करना सीखना होगा. अगर बाजार में15-20-25 फीसदी का करेक्शन आता है तो उसे अपने लिए मौके के रूप में देखें. उस समय बाजार से निकलने की जगह, अच्छे स्टॉक्स को कम भाव पर खरीदना ज्यादा स्मार्ट डिसिजन होगा.

टाइम और टाइमिंग दोनों महत्वपूर्ण

बाजार में टाइम और टाइमिंग बहुत जरूरी है. टाइमिंग पर किसी का वश नहीं है. ऐसे में टाइम पर फोकस करें. अगर किसी निवेशक ने गलत टाइम पर बाजार में एंट्री ली और उसके बाद बाजार में करेक्शन आता है तो ऐवरेज करना ज्यादा  फायदेमंद होगा. 5-7 सालों में बाजार में बड़े-बड़े करेक्शन के बाद रिकवरी हो जाती है. ऐवरेजिंग करने से आपका फायदा डबल हो जाएगा.

बाजार का औसत रिटर्न 13-15 फीसदी के बीच है

एक्सपर्ट ने कहा कि इंडेक्स का औसतन रिटर्न सालाना आधार पर 13-15 फीसदी के बीच है. इसके साथ समस्या ये है कि यह इवनली नहीं है. यही वजह है कि निवेशक इससे खौफ खाते हैं. डेटा पर गौर करेंगे तो असेट कैटिगरी में इक्विटी निवेश का सबसे अच्छा विकल्प है.

निवेश से पहले इन बातों पर गौर करें

इन तमाम पहलुओं पर विचार करने के बाद अगर आप इक्विटी में निवेश का फैसला लेते हैं तो कुछ बातों को ध्यान में रखना जरूरी है. बाजार में SIP करना सबसे अच्छा तरीका है. बॉटम का इंतजार नहीं करें. बाजार में गिरावट को मौके के रूप में देखें और थोड़ा-थोड़ा खरीदारी करते रहें. निवेश की टाइमिंग अहम है, लेकिन टाइम उससे ज्यादा महत्वपूर्ण होता है. टाइमिंग का आकलन और मूल्यांकन करना किसी भी एक्सपर्ट और निवेशक के लिए कठिन होगा.

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