सोना लगातार निवेश का अच्छा विकल्प रहा है. त्योहारों पर सोना खरीदना शुभ माना जाता है. ज्वेलर्स पहले ही उम्मीद जता चुके हैं कि इस बार अच्छी बिक्री होने की संभावना है. फिलहाल, सोने का दाम 39,210 रुपए पहुंच चुका है. आने वाले समय में सोने की डिमांड में तेजी आने की उम्मीद है. साथ ही इसके दाम में भी उछाल आ सकता है. ऐसे में आम आदमी के पास मौका है कि सोने में निवेश कर सके. लेकिन, सोने खरीदते वक्त हमेशा इसकी शुद्धता का ख्याल रखना चाहिए. सोने की शुद्धता की परख हर किसी को नहीं होती. लेकिन, कुछ बातों का ध्यान रखें तो सही सोना खरीदा जा सकता है.

COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

24 कैरेट की नहीं बनती ज्वेलरी

सबसे पहली बात, असली सोना 24 कैरेट का ही होता है. यह बेहद मुलायम होता है, इसलिए इसके आभूषण नहीं बनाए जाते. आम तौर पर आभूषणों के लिए 22 कैरेट सोने का इस्तेमाल किया जाता है, जिसमें 91.66 फीसदी सोना होता है.

शुद्धता के अंक

BIS हॉलमार्क पर पांच अंक होते हैं. सभी कैरेट का हॉलमार्क अलग होता. मसलन 22 कैरेट पर 91.6, 21 कैरेट पर 87.5 और 18 पर 75.0 लिखा होता है. इससे शुद्धता में शक नहीं रहता.

ये हैं कैरेट के अंक

24 कैरेट- 99.9

23 कैरेट--95.8

22 कैरेट--91.6

21 कैरेट--87.5

18 कैरेट--75.0

17 कैरेट--70.8

14 कैरेट--58.5

9 कैरेट--37.5

कैसे तय करें कितनी है सोने की कीमत

1. कैरेट गोल्ड का मतलब होता हे 1/24 पर्सेंट गोल्ड. आभूषण 22 कैरेट के होते हैं. ऐसे में 22 को 24 से भाग देकर उसे 100 से गुणा करें.

(22/24)x100= 91.66 यानी आपके आभूषण में इस्‍तेमाल सोने की शुद्धता 91.66 फीसदी.

मसलन 24 कैरेट सोने का रेट टीवी पर 39210 है और बाजार में इसे खरीदने जाते हैं तो 22 कैरेट सोने का दाम (39210/24)x22=35942 रुपए होगा. ज्वैलर्स इसमें मेकिंग चार्ज को भी जोड़ देते हैं. ऐसे में यह कीमत और बढ़ सकती है.

2. ऐसे ही 18 कैरेट गोल्ड की कीमत भी तय होगी. (39210/24)x18=29407 लेकिन, ये ही सोना ऑफर के साथ देकर ज्वेलर्स ग्राहकों को छलते हैं.

क्या है असली BIS हॉलमार्क की पहचान

हॉलमार्क सरकारी गारंटी है. हॉलमार्क का निर्धारण भारत की एकमात्र एजेंसी ब्यूरो ऑफ इंडियन स्टैंडर्ड (बीआईएस) करती है. हॉलमार्किंग में किसी उत्पाद को तय मापदंडों पर प्रमाणित किया जाता है. बीआईएस वह संस्था है, जो उपभोक्ताओं को उपलब्ध कराए जा रहे गुणवत्ता स्तर की जांच करती है. यदि सोना-चांदी हॉलमार्क है तो इसका मतलब है कि उसकी शुद्धता प्रमाणित है. लेकिन कई ज्वैलर्स बिना जांच प्रकिया पूरी किए ही हॉलमार्क लगा रहे हैं. ऐसे में यह देखना जरूरी है कि हॉलमार्क ओरिजनल है या नहीं? असली हॉलमार्क पर भारतीय मानक ब्यूरो का तिकोना निशान होता है. उस पर हॉलमार्किंग सेंटर के लोगो के साथ सोने की शुद्धता भी लिखी होती है. उसी में ज्वैलरी निर्माण का वर्ष और उत्पादक का लोगो भी होता है.

चेक करें सोने की शुद्धता

कुछ केमिकल और एसिड होते हैं जिनके इस्तेमाल से सोने की गुणवत्ता परखी जा सकती है. सोने के संपर्क में आने के बाद इन पर कोई असर नहीं होता. लेकिन, अशुद्ध सोने के संपर्क में आने पर ये रिएक्ट करते हैं.

इन चीजों की होती है मिलावट

1. निकेल और प्लेटिनम भी समझें

व्हाइट गोल्ड ज्वैलरी अगर आप ले रहे हैं तो निकेल या प्लैटिनम मिक्स के बजाए पैलेडियम मिक्स ज्वैलरी लेना बेहतर होगा. निकेल या प्लैटिनम मिक्स व्हाइट गोल्ड से स्किन एलर्जी होने का खतरा रहता है.

2. केडीएम और तांबे की होती है मिलावट

कई सुनार केडीएम को भी शुद्ध बताकर बेचते हैं, लेकिन इसमें कैडमियम नामक तत्व होता है, जोकि फेफड़ों के लिए हानिकारक होता है. साथ ही, इसमें तांबे की मिलावट भी होती है. इस तरह के फ्रॉड से बचने के लिए आभूषण या सोने की किसी भी वस्‍तु पर अंक जरूर देखें. यहां पर सबसे अहम बात यह है कि अखबारों में प्रतिदिन छपने वाले या टीवी पर दिखाए जाने वाले सोने के दाम 24 कैरेट गोल्‍ड के होते हैं. इसलिए यदि आप 23, 22 या कम कैरेट का सोना खरीद रहे हैं, तो दाम कम होंगे.

सोना खरीदते वक्त क्या करें ग्राहक

प्योरिटी सर्टिफिकेट लेना न भूलें

गोल्ड खरीदते वक्त आप ऑथेंटिसिटी/प्योरिटी सर्टिफिकेट लेना न भूलें. सर्टिफिकेट में गोल्ड की कैरेट क्वॉलिटी भी जरूर चेक कर लें. साथ ही गोल्ड ज्वैलरी में लगे जेम स्टोन के लिए भी एक अलग सर्टिफिकेट जरूर लें.

खनक पर दें ध्यान

असली और नकली सिक्कों की पहचान वे उसकी खनक से करते हैं. मेटल पर असली चांदी का सिक्का गिराने पर भारी आवाज, जबकि नकली सिक्का लोहे की तरह खनकता है. प्राचीन और विक्टोरियन सिक्के गोल व घिसे रहते हैं, जबकि नकली सिक्कों के किनारे कोर खुरदुरी रहती है.

पक्की पर्ची लें

सिक्का या ज्वैलरी खरीदते वक्त कच्ची पर्चियां लेने का ट्रेंड है. लेकिन यह गलत है. कई बार वापसी के वक्त ज्वैलर खुद ही अपनी कच्ची पर्ची नहीं पहचानते, इसलिए पक्का बिल जरूर लें. बिल में सोने का कैरेट, शुद्धता, मेकिंग चार्ज, हॉलमार्क का जिक्र जरूर हो.

ZEE Business Damdar Diwali: ज़ी बिज़नेस के साथ मनाएं 'दमदार दिवाली'. दमदार स्ट्रैटेजी, सटीक विश्लेषण और दिग्गज एक्सपर्ट बनाएंगे आपकी दिवाली खास. 14 अक्टूबर से सिर्फ Zee Business.in