SEBI Penalty Rs 60 Lakh: मार्केट रेगुलेटर सिक्योरिटी एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया (SEBI) ने एक रिसर्च एनालिस्ट पर 60 लाख रुपए का जुर्माना लगाया है. सेबी ने मार्केट के नियमों का उल्लंघन करने पर इस शख्स पर 60 लाख रुपए का जुर्माना लगाया है. भारतीय प्रतिभूति व विनिमय बोर्ड (सेबी) में पंजीकृत अनुसंधान विश्लेषक मनीष गोयल (मनीष कुमार गोयल) को यह जुर्माना 45 दिन के अंदर जमा करना होगा. बता दें कि बाजार से जुड़ी एक्टिविटी या नियमों का उल्लंघन करने पर सेबी की ओर से किसी भी शख्स पर एक्शन लिया जाता है. 

गारंटीड रिटर्न का दिया हवाला

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सेबी ने अपने 46 पन्नों के आदेश में कहा कि मनीष ने एक अनुसंधान विश्लेषक के रूप में अपनी सेवाओं के लिए शुल्क लेकर 583 ग्राहकों से 4.16 करोड़ रुपये जुटाए. हालांकि, अनुसंधान विश्लेषक (आरए) के तौर पर वह मानदंडों की बुनियादी आवश्यकताओं का पालन करने में विफल रहे. उन्होंने सुनिश्चित रिटर्न का भी वादा किया और ग्राहकों को अपनी सेवाएं गलत तरीके से बेचीं.

वॉट्सऐप/टेलीग्राम के जरिए दिया आश्वासन

नियामक ने पाया कि मनीष ने संदेश एप व्हाट्सएप/टेलीग्राम पर विभिन्न समूहों के सदस्यों को आश्वासन दिया था कि यदि किसी विशेष स्टॉक अनुशंसा के कारण किसी को नुकसान होता है तो उन्हें एक स्टॉक अनुशंसा मुफ्त में मिलेगी. मनीष ने अपने अकाउंट्स से ये आश्वासन दिया कि अगर किसी भी निवेशक को नुकसान होता है, तो उसकी भरपाई के लिए एक स्टॉक पर दांव लगाने की सलाह मुफ्त में मिलेगी. 

बाजार के नियमों का उल्लंघन

सेबी के अधिकारी सोमा मजूमदार ने अपने आदेश में कहा कि वॉट्सऐप या टेलीग्राम चैट्स पर गारंटीड रिटर्न देने का दावा किसी भी रिसर्च एनालिस्ट का कार्यक्षेत्र नहीं है. उन्होंने आगे कहा कि ये एक तरह से गलत सूचना देना और बाजार के नियमों का उल्लंघन करना है. उन्होंने आगे कहा कि ये PFUTP (Prohibition of Fraudulent and Unfair Trade Practices) रेगुलेशन का उल्लंघन है. इसके अलावा, रेगुलेटर ने ये भी आरोप लगाया कि मनीष RA के साथ-साथ, सेबी के रजिस्टर्ड इन्वेस्टमेंट एडवाइजर के प्रिंसिपल ऑफिसर के साथ भी जुड़े हुए थे. 

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