Settlement of running accounts funds: पूंजी बाजार नियामक सेबी (SEBI) ने बुधवार को शेयर ब्रोकर के पास पड़े ग्राहकों के कोष वाले ‘रनिंग’ यानी चालू खाते (running accounts) के निपटान के लिये नए दिशानिर्देश जारी किए ये दिशानिर्देश एक अक्टूबर से प्रभावी होंगे. पीटीआई की खबर के मुताबिक, गाइडलाइंस के तहत ग्राहकों के ‘रनिंग’ खातों का निपटान कारोबारी सदस्य की तरफ से तिमाही के पहले शुक्रवार को किया जाएगा. भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (SEBI) ने एक सर्कुलर में गाइडलाइंस (settlement of running accounts new rule) को पूरी तरह से स्पष्ट किया है.

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पहले शुक्रवार को किया जाएगा निपटान

खबर के मुताबिक, सेबी ने कहा कि ग्राहकों के इस प्रकार के खाते में कोष का निपटान अक्टूबर 2022, जनवरी 2023, अप्रैल 2023, जुलाई 2023 के पहले शुक्रवार को किया जाएगा. अगर पहले शुक्रवार को अवकाश है, तो निपटान उसके पिछले कारोबारी दिवस में होगा.

जिन ग्राहकों ने मासिक निपटान के विकल्प को चुना है, उनके ‘रनिंग’ खातों का निपटान हर महीने के पहले शुक्रवार को होगा. बाजार की भाषा में, शेयर ब्रोकर के ग्राहकों की पड़ी राशि को उनके बैंक खातों में वापस स्थानांतरित करने की प्रक्रिया को ‘रनिंग’ खाता (running accounts) निपटान कहा जाता है.

जानें नए नियम में सेबी ने क्या कहा

SEBI के नए नियमों के तहत शेयर ब्रोकर को ग्राहक की पसंद के मुताबिक, ‘रनिंग’ खातों (running accounts) के दो निपटान के बीच 30 या 90 दिनों के अंतराल के भीतर कम-से-कम एक बार संबंधित ग्राहक के कारोबार से संबंधित खाते में पड़े अप्रयुक्त कोष उसके बैंक खाते में भेजने जरूरत होती है. इसके अलावा,अगर ग्राहक ने 30 दिन के अंदर कोई सौदा नहीं किया है, तो कोष को अगले तीन कार्य दिवस में ग्राहक के खाते में भेज दिया जाएगा भले ही ‘रनिंग’ खाते का निपटान कभी भी किया गया हो.