देश में निवेशकों को संख्या में लगातार इजाफा देखने को मिल रहा है. डिपोजिटरी आंकड़ों के मुताबिक डीमैट खातों की संख्या पहली बार 10 करोड़ के पार पहुंच गई है. ऐसे में फिनटेक कंपनियों की संख्या में भी इजाफा देखने को मिला है. लेकिन निवेशकों और फिनटेक कंपनियों की संख्या में बढ़त के साथ-साथ कई समस्याएं भी बढ़ी हैं, जिसमें निवेशकों के हित और डेटा प्राइवेसी शामिल हैं. इस पर मार्केट रेगुलेटर सेबी (SEBI) ने फिनटेक कंपनियों को नसीहत दी है. सेबी चेयरपर्सन माधबी पुरी बुच ने बुधवार को ग्लोबल फिनटेक फेस्ट में फिनटेक कंपनियों को खरी-खरी सुनाई. चेयरपर्सन ने कहा कि फिनटेक कंपनियां अपनी पहचान छुपाकर कारोबार न करें.

'पहचान छिपाकर न करें काम'

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माधबी पुरी बुच ने कहा कि अगर आप फाइनेंशियल वर्ल्ड में काम कर रहे हैं, तो पहचान छिपाकर काम नहीं कर सकते हैं. कंपनियों को पूरी पारदर्शिता रखनी पड़ेगी. सेबी चेयरपर्सन ने कहा कि फिनटेक कंपनियों को पूरा डिस्क्लोजर देना होगा. बता दें कि ज़ी बिजनेस भी हफ्ता वसूली कार्यक्रम के जरिए इस मामले को उठाता रहा है. इसके अलावा मार्केट माफिया जैसे अहम मसले को लेकर चर्चा करते रहे हैं. 

 

ALGO ट्रेडिंग पर भी फिनटेक कंपनियों को खरी-खरी

ALGO ट्रेडिंग को लेकर भी माधबी पुरी बुच ने अपनी बात रखी. उन्होंने कहा कि ALGO जैसी कोई भी काम नहीं कर सकते है. इसके लिए कोई भी क्लेम सही साबित होना चाहिए. कुल मिलाकर फिनटेक कंपनियां वही दावा करें जो सिद्ध किया जा सके. अगर ऐसा नहीं होता है तो सेबी इस पर एक्शन लेगा. इसके अलावा फाइनेंशियल इन्क्लूजन पर उन्होंने कहा कि इसे सपोर्ट करना बेहद जरूरी है. बता दें कि सरकार भी इस पर काम कर रही है. 

ज़ी बिजनेस की खबर पर मुहर

सेबी चेयपर्सन ने साफ कहा कि क्लाइंट एग्जिट पर बंदिशें बर्दास्त नहीं. इसमें कंपनियां किसी भी तरह की पेनाल्टी नहीं लगा सकतीं. आगे उन्होंने कहा कि क्लाइंट का डेटा कोई पब्लिक डेटा नहीं. फिनटेक कंपनियों को क्लाइंट डेटा का भी ध्यान रखना होगा. इस पर ज़ी बिजनेस ने सेबी चेयरपर्सन से सवाल किए, जिसके जवाब में उन्होंने कहा कि रेगुलेशन को पहले से ज्यादा सख्त किया गया है. ऐसी घटनाओं पर लगाम लगाई जाएगी. साथ ही जवाबदेही भी तय की जाएगी. ASBA को लेकर भी ज़ी बिजनेस की खबर पर मुहर लगी है. सेबी चेयरपर्सन ने कहा कि इस पर बातचीत जारी है.