कोविड19 के नए वेरिएंट ओमीक्रॉन (Omicron) की जानकारी सामने आने के बाद दुनियाभर के बाजारों में वॉलेटिलिटी देखी जा रही है. निवेशकों में भी घबराहट है. नए वेरिएंट को लेकर अभी बहुत ज्‍यादा जानकारी सामने नहीं आई है, जैसेकि यह कितना गंभीर है, वैक्‍सीन का इस पर कितनी असरदार है. ऐसे में एक अहम सवाल यह है कि इक्विटी या म्‍यूचुअल फंड निवेशकों को आगे किस तरह की स्‍ट्रैटजी अपनानी चाहिए. HDFC एसेट मैनेजमेंट कंपनी लिमिटेड के सीनियर फंड मैनेजर गोपाल अग्रवाल का कहना है कि अगर नए वेरिएंट का लंबे समय तक असर रहता है, तो ब्‍याज दरों में कमी और प्रोत्‍साहन उपाय दिखाई दे सकते हैं. गोपाल अग्रवाल ने मार्केट के मौजूदा हालात समेत तमाम मसलों पर बातचीत की. प्रमुख अंश. 

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नए कोरोना वेरिएंट के बाद दुनियाभर के बाजारों में हलचल है. ऐसे में म्‍यूचुअल फंड निवेशकों में भी घबराहट बढ़ेगी. निवेशकों के लिए आपकी क्‍या सलाह है.

बीते कुछ दिनों में मार्केट में जो बिकवाली है, वह कोविड19 के नए वेरिएंट की वजह है. अभी हमें यह नहीं पता कि यह वेरिएंट कितना खतरनाक है और नए वेरिएंट के खिलाफ वैक्‍सीन कितनी कारगर है. अगर नए वेरिएंट का असर गंभीर रहता है, तो शॉर्ट टर्म में इकोनॉमी स्‍टॉक्‍स/सेक्‍टर्स के रिवाइवल पर इसका असर हो सकता है. अगर नए वेरिएंट का असर लंबे समय तक रहता है, तो इकोनॉमी में कम ब्‍याज दरें और प्रोत्‍साहन के उपाय दिखाई पड़ सकते हैं. हम शॉर्ट टर्म में अस्थिरता देख सकते हैं, जबकि इंडियन इकोनॉमी का लॉन्‍ग टर्म आउटलुक मजबूत बना हुआ है, क्‍योंकि कम ब्याज दर, मजबूत बैलेंस शीट व अर्निंग्‍स और पिछले कुछ साल में सरकार की ओर से उठाए गए रिफॉर्म्‍स का सपोर्ट मिल रहा है. इसलिए अगर हम निवेशकों के नजरिए से देखें, तो इक्विटी में एलोकेशन बढ़ाकर मार्केट में किसी भी गिरावट का लाभ उठाना चाहिए. 

माना जा रहा है कि लार्जकैप से मिडकैप सबकी वैल्युएशन हाई है, इक्विटी में कौन सा ऑप्‍शन अभी के लिए बेहतर है?

वैल्‍युएशन के हिसाब से देखें, तो भारतीय बाजार का कैपिटलाइजेशन जीडीपी का करीब 91 फीसदी (CY23 GDP के आधर पर) है. वैश्‍विक आर्थिक संकट के बाद से यह 60 से 100 फीसदी की रेंज में है. इसके अलावा, यह गौर करने वाली बात है कि 2020 और 2021 में तेज रैली के बावजूद बीते 10-15 साल में NIFTY50 का रिटर्न 11-13 फीसदी CAGR रहा है. जोकि मोटे तौर पर नॉमिनल जीडीपी ग्रोथ के अनुरूप है. मेरा मानना है कि निवेशक इस बात को ध्‍यान दें कि मार्केट प्रॉफिट ग्रोथ आउटलुक से ड्राइव होगा और मीडियम से लॉन्‍ग टर्म में इक्विटी से रिटर्न की उम्मीद की जा सकती है, जोकि ओवलआल इकोनॉमिक ग्रोथ के अनुरूप होगा. 

पॉजिटिव इकोनॉमिक आउटलुक, इकोनॉमी में कम ब्‍याज दरें, कॉरपोरेट बैलेंस सीट की डिलीवरेजिंग (D/E रेश्‍यो 2016 में 0.99 से गिरकर 2021 में 0.71 पर आ गया) और अर्निंग्‍स में तेजी से रिवाइवल के आधार पर आगे मार्केट की तेजी और बेहतर होगी. अगर हम तुलनात्‍मक वैल्‍युएशन की बात करें तो लॉर्ज और स्‍माल कैप की वैल्‍युएशन मिड-कैप्‍स के मुकाबले ज्‍यादा आकर्षक है. 

मार्केट को लेकर आपका आउटलुक क्‍या है? किसी खास थीम या सेक्‍टर पर नजर है. संभावित जोखिम क्‍या दिखाई पड़ता है.

आगे प्रॉफिट ग्रोथ आउटलुक बेहतर दिखाई दे रहा है. कोविड19 के बाद कॉरपोरेट अर्निंग्‍स में रिकवरी है, कंपनियों के नतीजे अच्‍छे आए हैं और वित्‍त वर्ष 2022 और 2023 के लिए आउटलुक बेहतर हुआ है. कॉरपोरेट्स बैंक, मैटीरियल्‍स, इंडस्ट्रियल्‍स और हेल्‍थकेयर का मुनाफा बेहतर हुआ है.

FY21 के मुकाबले FY24 में प्रॉफिटबिलिटी में करीब 73 फीसदी के उछाल की उम्‍मीद है. जोकि FY11-21 के दौरान 70 फीसदी रहा था. अर्निंग ग्रोथ आउटलुक में मजबूती, बेहतर मैक्रो-इकोनॉमिक स्थिति मीडियम से लॉन्‍ग टर्म में इक्विटीज के लिए बेहतर है. जहां तक रिस्‍क की बात है, तो कोविड19 की तीसरी लहर की आशंका, अमेरिकी यील्‍ड में इजाफा या बड़े केंद्रीय बैंकों द्वारा अकोमेडिटीव पॉलिसी रुख में बदलाव, ग्‍लोबल लेवल पर उंची महंगाई दर जैसे फैक्‍टर्स पर नजर रखने की जरूरत है.

HDFC म्‍यूचुअल फंड के नए फंड (NFO) की परफॉर्मेंस को लेकर क्‍या उम्‍मीदें हैं. निवेशकों के लिए यह कैसा दांव साबित होगा?

HDFC मल्‍टी कैप फंड स्‍कीम में लॉर्ज कैप, मिड कैप और स्‍माल कैप हरेक में मिनिमम 25 फीसदी का एलोकेशन होगा. यह सभी मार्केट कैप सेगमेंट को देखते हुए एक डायवर्सिफाइड स्‍कीम है. इसमें शेष जो 25 फीसदी एसेट है, उसका एलोकेशन किसी भी मार्केट कैप सेगमेंट या फिक्‍स्‍ड इनकम इंन्‍स्‍ट्रूमेंट्स या REITs/InvITs (कुल एसेट का 10 फीसदी तक) या म्‍यूचुअल फंड्स की यूनिट्स (कुल एसेट्स का 20 फीसदी तक) में किया जाएगा. इस तरह, इस स्‍कीम में निवेशकों को लॉर्ज, मिड और स्‍माल कैप तीनों ही सेगमेंट में कंट्रोल्‍ड एक्‍सपोजर मिलेगा. यह फंड ऐसे निवेशकों के लिए बेहतर है, जो सभी मार्केट कैप सेगमेंट्स में अपने पोर्टफोलियो को डायवर्सिफाई करना चाहते हैं. निवेशकों को लॉर्ज कैप की स्थिरता, मिड कैप्‍स की ग्रोथ और स्‍माल कैप्‍स की क्षमता का फायदा एक ही फंड में मिलेगा. 

HDFC मल्‍टी कैप फंड को लेकर आपकी इन्‍वेस्‍टमेंट स्‍ट्रैटजी क्‍या है?

HDFC मल्‍टी कैप फंड में टॉप डाउन और बॉटम अप का मिक्‍स अप्रोच स्‍टॉक सलेक्‍शन में रखेंगे. फंड का इन्‍वेस्‍टमेंट अच्‍छी वैल्‍यू, ग्रोथ और टर्नअराउंड कंपनियों में होगा. हमारा मकसद सभी मार्केट कैप सेक्‍टर्स का रिप्रजेंटेशन हासिल करना होगा. फंड का फोकस ऐसी कंपनियों पर होगा, जिनमें स्थिर ग्रोथ या प्रॉफिटबिलिटी में टर्नअराउंड है और जिनमें री-रेटेड की क्षमता है. इस स्‍कीम में उन कंपनियों में भी निवेश किया जाएगा जो मार्केट लीडर हैं या जो बेहतर कामकाज और तकनीक को अच्‍छी तरह अपना रही हैं.