ग्लोबल मार्केट में कच्चे तेल (Crude Oil) के भाव में 30 फीसदी की भारी गिरावट देखने को मिली है. 1991 के बाद कच्चे तेल के भाव में इतनी बड़ी गिरावट आई है. सऊदी अरब और रूस में प्राइस वार छिड़ने से क्रूड में ये गिरावट देखने को मिली है. साथ ही दुनिया में तेजी पैर पसारते कोरोनो वायरस (Coronavirus) की वजह से भी डिमांड में कमी आई है. दरअसल, डिमांड कम होने के बावजूद उत्पदान में कोई कमी नहीं आई थी. तेल निर्यातक देशों के संगठन OPEC और सहयोगियों के बीच उत्पादन कटौती को लेकर बैठक हुई थी, लेकिन बैठक में कोई सहमति नहीं बनी.

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30 फीसदी तक टूटा कच्चा तेल

OPEC की बैठक में समझौता नहीं होने की वजह से ग्लोबल बेंचमार्क ब्रेंट क्रूड फ्यूचर 14.25 डॉलर यानी 31.5 फीसदी टूटकर 31.02 डॉलर प्रति बैरल पर आ गया. कच्चे तेल की कीमतों में यह 19 साल की सबसे बड़ी गिरावट है. ब्रेंट में 17 जनवरी 1991 में खाड़ी युद्ध के दौरान सबसे बड़ी गिरावट आई थी. फिलहाल, क्रूड 35.75 डॉलर प्रति बैरल पर ट्रेड कर रहा है.

वहीं, अमेरिकी वेस्ट टेक्सास इंटरमीडिएट (WTI) क्रूड का भाव भी 11.28 डॉलर यानी 27.4 फीसदी गिरकर 30 डॉलर प्रति बैरल पर आ गया. जनवरी 1991 के बाद डब्ल्यूटीआई क्रूड में भी यह सबसे बड़ी गिरावट है. फिलहाल, WTI क्रूड 32.61 प्रति डॉलर पर ट्रेड कर रहा है.

6 रुपए तक सस्ता हो सकता है पेट्रोल-डीजल

ग्लोबल मार्केट में कच्चे तेल के भाव में इस बड़ी गिरावट के चलते घरेलू मार्केट में इसका असर साफ देखने को मिल सकता है. आने वाले दिनों में पेट्रोल-डीजल का भाव में भी बड़ी गिरावट देखने को मिल सकती है. सीनियर ट्रेड एनालिस्ट अरुण केजरीवाल के मुताबिक, कच्चे तेल के भाव में गिरावट का फायदा भारत को मिलेगा. पेट्रोल-डीजल 6 रुपए प्रति लीटर तक सस्ता हो सकता है. हालांकि, अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपया कमजोर बना हुआ है. इसलिए पेट्रोल-डीजल में ज्यादा बड़ी कटौती की उम्मीद कम है.

रूस और सऊदी अरब की 'लड़ाई' का फायदा

रूस और सऊदी अरब के बीच उत्पादन कटौती पर सहमति नहीं बनने के बाद इस प्राइस वार का फायदा भारत को मिलेगा. दुनिया के सबसे बड़ा तेल निर्यातक सऊदी अरब और दूसरे सबसे बड़े उत्पादक रूस एक दूसरे को सबक सिखाने की कोशिश करेंगे. कोरोनो वायरस से आर्थिक गिरावट के चलते क्रूड के गिरते भाव को संभालने के लिए उत्पादन में कटौती का समर्थन किया गया था. लेकिन, रूस ने उत्पादन घटाने से इनकार कर दिया. इसके बाद सऊदी अरब ने कच्चे तेल के भाव में भारी कटौती का ऐलान कर दिया. तेल बाजार में प्राइस वार छिड़ने का डर पैदा हो गया.

रॉयटर्स के मुताबिक, सऊदी अरब अप्रैल से तेल उत्पादन को एक दिन में 10 मिलियन बैरल से ऊपर ले जाने की योजना बना रहा है. रूस के साथ अपने ओपेक गठबंधन को खत्म करने के लिए सऊदी अरब आक्रामक रूप अपना सकता है. इस वजह से भी तेल की कीमतों में बड़ी गिरावट देखने को मिल सकती है. साथ ही पेट्रोल-डीजल के भाव में भी अच्छी गिरावट देखने को मिल सकती है.

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9 महीने के निचले स्तर पर पेट्रोल-डीजल

होली से ठीक पहले हफ्ते के पहले दिन पेट्रोल-डीजल (Petrol-Diesel Prices Today) की कीमतों गिरावट दर्ज की गई. लगातार पांचवें दिन पेट्रोल-डीजल के भाव में गिरावट देखने को मिली है. आज की गिरावट के साथ ही पेट्रोल का भाव 9 महीने के निचले स्तर पर पहुंच गया है. सोमवार को पेट्रोल की कीमतों में 23 से 25 पैसे प्रति लीटर की कटौती की. वहीं, डीजल के दाम 25 से 26 प्रति लीटर कम हुए हैं.