NSE-Social Stock Exchange: नेशनल स्टॉक एक्सचेंज पर जल्द ही सोशल स्टॉक एक्सचेंज के तहत ट्रेडिंग करने का मौका मिलेगा. कैपिटल मार्केट रेगुलेटर सेबी यानी कि सिक्योरिटीज एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया ने NSE को इसे लॉन्च करने के लिए मंजूरी दे दी है. SEBI से एनएसई (NSE) को सोशल स्टॉक एक्सचेंज लॉन्च करने की मंजूरी मिल गई है. बता दें कि पिछले साल सेबी ने सोशल स्टॉक एक्सचेंज के लिए एक फ्रेमवर्क भी जारी किया था. इस नए फ्रेमवर्क में गैर-लाभकारी संगठनों (NPO) के लिए न्यूनतम जरूरतों को तय किया गया है, जो इस बाजार में पंजीकरण और खुलासे के लिए जरूरी है. 

2019-20 के बजट में हुई थी घोषणा

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बता दें कि सोशल स्टॉक एक्सचेंज का विचार सबसे पहले केंद्रीय वित्त मंत्री (Finance Minister) निर्मला सीतारमण ने 2019-20 अपने बजट भाषण में पेश किया था. इसका उद्देश्य निजी और नॉन- प्रॉफिट सेक्टर्स को अधिक धन जुटाने का अवसर देना है.

सोशल स्टॉक एक्सचेंज को आसान भाषा में समझें, तो यह एक तरह से सोशल सेक्टर में काम करने वाले संगठनों को बाजार से फंड जुटाने में मदद करेगा. इसका मतलब है कि अब प्राइवेट कंपनियों की तरह सोशल इंटरप्राइजेज (NPO व ऐसे अन्‍य संस्‍थान) भी खुद को शेयर बाजार में लिस्टेड करा सकेंगे और पैसे जुटा सकेंगे.

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सोशल स्टॉक एक्सचेंज का फ्रेमवर्क 

  • भलाई के काम के लिए एक्सचेंज से पैसा जुटा सकेंगे
  • राज्यों के कानून, सोसाइटीज एक्ट, ट्रस्ट एक्ट में रजिस्ट्रेशन
  • सेक्शन 8 कंपनीज एक्ट में रजिस्ट्रेशन वाले भी जुड़ सकेंगे
  • जुड़ने से पहले के साल में मिनिमम 50 लाख रुपये खर्च जरूरी
  • 50 लाख रुपये का खर्च सामाजिक भलाई पर होना जरूरी
  • एक्सचेंज से जुड़ने से 1 साल पहले 10 लाख रुपये फंडिंग जरूरी
  • संस्था का सरकारी रजिस्ट्रेशन होना जरूरी शर्त होगी
  • किसी भी तरह की जांच के दायरे में नहीं होना चाहिए