LIC के IPO  को लेकर बड़ी खबर आ रही है. सरकार ने BUDGET 2020 में इसका ऐलान किया था. सरकारी सूत्र के मुताबिक LIC का IPO 2012 में आएगा. वित्त सचिव राजीव कुमार के मुताबिक करीब 2 दशकों से प्राइवेट बीमा कंपनियां इसे टक्कर देने की कोशिश कर रही हैं, लेकिन जीवन बीमा क्षेत्र में यह डॉमिनेंट प्‍लेयर है.

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फाइनेंस मिनिस्‍टर निर्मला सीतारमण ने शनिवार को 2020-21 का बजट पेश करते हुए ऐलान किया था की अगले कारोबारी साल में LIC का IPO लाया जाएगा. वित्त सचिव राजीव कुमार ने कहा कि सूचीबद्धता के लिए कई प्रक्रियाओं को पूरा करने की जरूरत होगी. LIC को सूचीबद्ध कराने के लिए कुछ विधायी बदलावों की भी जरूरत होगी. 

राजीव कुमार के मुताबिक वे सूचीबद्ध की प्रक्रिया का पालन करेंगे. विधि मंत्रालय के साथ बातचीत में जरूरी विधायी बदलाव किए जाएंगे. उन्होंने कहा कि LIC की सूचीबद्धता से ज्यादा पारर्दिशता आएगी और सार्वजनिक भागीदारी बढ़ेगी. वित्त मंत्री के ऐलान के बाद अब एलआईसी के शेयर बाजार में लिस्ट होने का रास्ता साफ दिख रहा है. हालांकि इसके लिए संसद की मंजूरी लेनी पड़ेगी. बता दें कि एलआईसी के आईपीओ लाने की चर्चा लंबे समय से चल रही है, लेकिन पिछले साल खुद एलआईसी से इससे इनकार किया था.

कुमार के मुताबिक सरकार LIC की 10 फीसदी हिस्‍सेदारी बेचेगी. हालांकि, अभी इस पर कोई फैसला नहीं किया गया है. सरकार ने अगले कारोबारी साल में विनिवेश से 2.10 लाख करोड़ रुपये जुटाने का लक्ष्य रखा है. मोदी सरकार की मंशा एलआईसी और आईडीबीआई बैंक में हिस्सेदारी बिक्री से 90,000 करोड़ रुपये जुटाने की है.

बाजार विनियामक सेबी के मानक के अनुसार, IPO में 4,000 करोड रुपये से ऊपर की पोस्ट इश्यू वाली कंपनियों के लिए आवश्यक ऑफर कम से कम 10 फीसदी है. इसके बाद कंपनियां IPO में हिस्सेदारी 25 फीसदी से कम करने वाली कंपनियों को न्यूनतम सार्वजनिक हिस्सेदारी मानक का अनुपालन करने के लिए 3 साल का समय दिया जाएगा.

LIC को सूचीबद्ध करने के संबद्ध विस्तृत जानकारी दिए बगैर कुमार ने बताया कि एलआईसी को बाजार में सूचीबद्ध करने के लिए कानून में बदलाव किया जाएगा और जरूरी बदलाव के लिए कानून मंत्रालय को सूचित किया जाएगा.

उधर, बजट में घोषणा की गई है कि आईडीबीआई से सरकार पूरी तरह बाहर होगी और यह एक निजी बैंक होगा. इस संबंध में कुमार से मिले संकेत के अनुसार, एलआईसी के सूचीबद्ध किए जाने से पहले सरकार आईडीबीआई से बाहर होगी. एलआईसी भारत की सबसे बड़ी वित्तीय संस्थान है जिसकी कुल निवेश परिसंपत्ति 30 सितंबर को 320 खरब रुपये थी.