भारत में स्टार्टअप (Startup) कल्चर तेजी से बढ़ रहा है और एक के बाद एक तमाम स्टार्टअप के आईपीओ (IPO) भी आ रहे हैं. पिछले साल  ही कंसल्टिंग फर्म Redseer ने एक रिपोर्ट जारी की थी, जिसमें बताया गया था कि जल्द ही बहुत सारे स्टार्टअप्स के आईपीओ आ सकते हैं. इसके अनुसार 2025 तक करीब 40 स्टार्टअप के आईपीओ आ सकते हैं, जबकि 2028 तक यह संख्या 90 से भी अधिक हो सकती है. ऐसे अगर आप करें साल 2024 की तो इस साल करीब 12 स्टार्टअप के आईपीओ आ सकते हैं. हालांकि, इनमें से आधे भी मुनाफे (Profitable) में नहीं हैं.

किन 12 स्टार्टअप्स के आ सकते हैं आईपीओ?

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अगर बात करें इस साल आईपीओ लाने वाले स्टार्टअप्स की, तो इनमें Swiggy, Oyo, Ola Electric, Portea Medical, Awfis, FirstCry, MobiKwik, PayMate, Go Digit, Unicommerce, PayU और Garuda Aerospace  जैसे स्टार्टअप शामिल हैं. इन्होंने या तो सेबी के पास दस्तावेज जमा कर दिए हैं या फिर आईपीओ लाने के लिए दस्तावेज जमा करने की तैयारी कर रहे हैं.

12 में से 8 स्टार्टअप नुकसान में

किसी भी स्टार्टअप के लिए आईपीओ बहुत ही अहम होता है. ऐसा इसलिए क्योंकि आईपीओ के जरिए ही वह अपने निवेशकों को शानदार एग्जिट देता है और कई बार तो प्रमोटर्स खुद भी आईपीओ के जरिए मोटा पैसा कमाते हैं. हालांकि, सवाल ये है कि बहुत सारे आईपीओ नुकसान में होने के बावजूद वह आईपीओ ला रहे हैं. Swiggy, Oyo, Ola Electric, Portea Medical, Awfis, FirstCry, MobiKwik और PayMate ऐसे स्टार्टअप्स हैं, जो अभी तक नुकसान झेल रहे हैं. अगर इन सभी 8 स्टार्टअप के कुल नुकसान को देखें तो वह 8000 करोड़ रुपये से भी अधिक है. वहीं दूसरी ओर Go Digit, Unicommerce, PayU और Garuda Aerospace  जैसे स्टार्टअप मुनाफे में हैं.

फंडिंग विंटर के चलते आईपीओ की ओर बढ़ रहे स्टार्टअप

लंबे वक्त से तमाम स्टार्टअप फंडिंग विंटर की मार झेल रहे हैं. इसकी वजह से उन्हें फंडिंग नहीं मिल पा रही है. ऐसे में ये स्टार्टअप अब मुनाफा कमाने पर फोकस कर रहे हैं, ताकि बिजनेस चलता रहे. फंडिंग ना मिलने की वजह से आईपीओ के जरिए पैसे जुटाने के लिए बहुत सारे स्टार्टअप आगे बढ़ रहे हैं. हाल ही में मामाअर्थ का आईपीओ भी आया था.

2028 तक 90 स्टार्टअप लाएंगे आईपीओ

रेडशीर में पार्टनर रोहन अग्रवाल कहते हैं कि वित्त वर्ष 2028 तक करीब 90 स्टार्टअप ऐसे होंगे, जो आईपीओ के लिए तैयार होंगे. मौजूदा वित्त वर्ष में बहुत सारे स्टार्टअप्स ने मुनाफा कमाने पर फोकस किया है. उम्मीद है कि साल 2027 तक करीब 50 फीसदी भारतीय यूनीकॉर्न मुनाफे में आ जाएंगे. साल 2021 की तुलना में करीब दोगुने यूनीकॉर्न ट्रैक पर आ सकते हैं. हालांकि, सारे यूनीकॉर्न के लिए आने वाला वक्त अच्छा नहीं रहेगा. रिपोर्ट के अनुसार करीब 20 फीसदी ऐसे होंगे जो बहुत ही ज्याा बुरे दौर से गुजर सकते हैं.

रिपोर्ट के अनुसार भारत में अभी स्टार्टअप के बहुत सारे मौके हैं. पब्लिक मार्केट कैपिटलाइजेशन में भारत में स्टार्टअप की हिस्सेदारी महज 1 फीसदी की है, जबकि अमेरिका में यह 25 फीसदी है. ये दिखाता है कि स्टार्टअप्स के लिए आने वाले दिनों में अभी बहुत सारे मौके खुलने वाले हैं.