IOCL Stock  Performance: शेयर बाजार में लगातार चार ट्रेडिंग सेशन की तेजी के बाद मंगलवार को गिरावट देखी गई. ग्‍लोबल सेंटीमेंट्स का असर घरेलू शेयर बाजारों पर भी देखा जा रहा है. इस बीच, अर्निंग्‍स सीजन में बेहतर नतीजों के दम पर कई स्‍टॉक्‍स निवेश के नजरिए से बेहतर नजर आ रहे हैं. ब्रोकरेज हाउस इन स्‍टॉक पर निवेश की सलाह दे रहे हैं. ऐसा ही एक शेयर ऑयल एंड गैस सेक्‍टर का इंडियन ऑयल (Indian Oil) है. सरकारी कंपनी IOCL ने हाल ही में अपने अप्रैल-जून तिमाही के नतीजे जारी किए हैं. 100 रुपये से कम कीमत के इस स्‍टॉक पर ब्रोकरेज हाउस मोतीलाल ओसवाल (Motilal Oswal) ने खरीदारी की सलाह दी है. ब्रोकरेज का मानना है कि मजबूत ग्रॉस रिफाइनिंग मार्जिन (GRM) के चलते Q1FY23 रिजल्‍ट्स अनुमान से बेहतर रहे हैं.

IOCL: 100 रुपये टारगेट प्राइस 

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ब्रोकरेज रिसर्च फर्म मोतीलाल ओसवाल ने सरकारी कंपनी IOCL के स्‍टॉक पर खरीदारी की सलाह बरकरार रखी है. साथ ही प्रति शेयर टारगेट प्राइस 100 रुपये रखा है. 1 अगस्‍त 2022 को स्‍टॉक का भाव 71 रुपये पर बंद हुआ था. इस तरह, करंट भाव आगे निवेशकों को करीब 41 फीसदी का तगड़ा रिटर्न मिल सकता है. बीते एक साल में शेयर की परफॉर्मेंस लगभग सपाट रही है. 

ब्रोकरेज हाउस का कहना है कि मजबूत GRM के चलते Q1FY23 रिजल्‍ट्स अनुमान से बेहतर रहे हैं. IOCL का EBITDA 1360 करोड़ रुपये रहा, जो सालाना आधार पर समान तिमाही के मुकाबले 88 फीसदी कम है. हालांकि, हमारा अनुमान 840 करोड़ के निगेटिव एबिटडा था. दरअसल, कंपनी का जीआरएम 31.8 डॉलर प्रति बैरल रहा, जोकि 25.8 डॉलर प्रति बैरल के अनुमान से ज्‍यादा रहा. कोर जीआरएम 25.3 डॉलर प्रति बैरल रहा. रिफाइनिंग मार्जिन बढ़ने का फायदा आईओसी को अपनी पीयर ग्रुप में सबसे ज्‍यादा मिल सकता है. 

ब्रोकरेज का कहना है कि IOCL ग्रोथ को रफ्तार देने के लिए अगले तीन साल में अलग-अलग प्रोजेक्‍ट्स को शुरू करने की तैयारी में है. जल्‍द ही कई रिफाइनरी कमिशन हो सकती हैं. पानीपत रिफाइनरी सितंबर 2024, गुजरात रिफाइनरी अगस्‍त 2023 और बरौनी रिफाइनरल अप्रैल 2023 तक पूरी हो सकती है. इन प्रोजेक्‍ट्स के अग्रेसिव गाइडेंस के देखते हुए FY23/24E के लिए कंपनी 6-7 फीसदी ROCE के साथ 25,000 करोड़ का कैपेक्‍स कर सकती है.

इंडियन ऑयल के कैसे रहे नतीजे 

ऑयल मार्केटिंग कंपनी इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन लिमिटेड (IOCL) का अप्रैल-जून 2022 तिमाही के दौरान 1992.53 करोड़ रुपये का घाटा हुआ है. जबकि, पिछले वित्‍त वर्ष की समान तिमाही में कंपनी को 5,941.37 करोड़ रुपये का मुनाफा हुआ था. बीते दो साल में कंपनी को पहली बार घाटा हुआ है, क्‍योंकि उसे घरेलू बाजार में इनपुट लागत बढ़ने के बावजूद डिस्‍काउंट पर तेल बेचना पड़ा था. हालांकि, Q1FY23 में कंपनी का ऑपरेशंस से रेवेन्‍यू 62.5 फीसदी बढ़कर 2,51,932.89 करोड़ रुपये हो गया. Q1FY22 में यह 1,55,056.27 करोड़ रुपये था. समीक्षाधीन तिमाही में कंपनी का एवरेज ग्रॉस रिफाइनिंग मार्जिन (GRM) 31.81 डॉलर प्रति बैरल रहा, जो अप्रैल-जून 2021 में 6.58 डॉलर प्रति बैरल था. 

 

(डिस्‍क्‍लेमर: यहां स्‍टॉक्‍स में निवेश की सलाह ब्रोकरेज हाउस द्वारा दी गई है. ये जी बिजनेस के विचार नहीं हैं. निवेश से पहले अपने एडवाइजर से परामर्श कर लें.)